मेरा दिल
हर रोज इक सोच मेरे मन में आता हैं क्यूं जिसे भूलना चाहा दिल उसे भूल न पाता हैं । ऐसी अनोखी बात उस शख्स में होती हैं जिसकी यादों
हर रोज इक सोच मेरे मन में आता हैं क्यूं जिसे भूलना चाहा दिल उसे भूल न पाता हैं । ऐसी अनोखी बात उस शख्स में होती हैं जिसकी यादों
पाना हो यदि आपको अपनी कोई मंज़िल तो सफ़र के रास्ते पर हो जाइए शामिल। अपनी अपनी कहानी बनाने में निकले सब जाने क्या फैसला करेंगे हमारे रब। घर
कितनी कहांनिया बनी सफर में चलते चलते कितनी मुश्किले दूर हुई सफर में चलते चलते। वक़्त भी बदला और बदला भी यह मौसम मगर हम ना बदले तेरी
समय को कोई रोक कहाँ है पाता हाथों से पानी की तरह बह है जाता। समय रहते हमको करना है कुछ काम जिससे रौशन हो सके दुनिया में हमारा नाम।
मेरे हौसलों को नई उम्मीद देता है तेरा चेहरा रूठे हुए मन को अक्सर मना लेता है तेरा चेहरा। घोर निराशा को आशा में बदल देता है तेरा चेहरा हर
कुम्हार की मेहनत को घर पर लाए विदेशी झालरों को हम दूर भगाए इस दीपावली सिर्फ माटी का दीया जलाए। अमीर गरीब सभी के घर, महलो को रौशन करता है
मुस्कान चेहरे पे तुम्हें सोचू तो आ ही जाती है याद तुम्हारी यू आजकल हमें तड़पाती है। इंतज़ार तुम्हारा करती थी मैं बहोत बेसब्री से फिर मिल ही जाते,
तुम्हें जब दिल में उतारा बन गए हो तुम तब से इन आंखों का तारा। नही लगता है मुझे तुमसा कोई प्यारा तुम सदा ही साथ देना हमारा। जब
ना किया करो आप खुराफात की बात थोड़ा वक़्त निकाल कर पढ़ो किताब। स्मार्टफ़ोन के जमाने में लोग मोबाइल में खो रहे किताबों से एकदम दूर हो रहे। किताबो से
जब से तुम्हे पाया दिल को करार आया साथ चलते हो तुम बनके मेरा साया। तुम्हारा प्यार मेरे रग रग में है समाया खड़े रहके खुद धूप में मुझे देते
जब से तुम्हे पाया दिल को करार आया साथ चलते हो तुम बनके मेरा साया। तुम्हारा प्यार मेरे रग रग में है समाया खड़े रहके खुद धूप में मुझे देते