
खरीफ प्याज की खेती करे किसान -डॉ रजनीश श्रीवास्तव
देवरिया/ तरकुलवा -राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान देवरिया के तत्वाधान में तरकुलवा विकासखंड के मैनपुर ग्राम में एक संगोष्ठी के आयोजन के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान विशेषज्ञ
देवरिया/ तरकुलवा -राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान देवरिया के तत्वाधान में तरकुलवा विकासखंड के मैनपुर ग्राम में एक संगोष्ठी के आयोजन के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान विशेषज्ञ
अप्रैल में बेमौसम बारिश से गेहूं, प्याज़ एवं अन्य सब्ज़ियों जैसी फ़सलों को भारी नुकसान होगा, इससे किसानों की आय प्रभावित होगी और कीमतें बढ़ेगी। प्रसार्ड ट्रस्ट मल्हनी भाटपाररानी
आम (Mangifera indica) उष्णकटिबंधीय जलवायु में पनपने वाला महत्वपूर्ण फल है। इसकी वृद्धि और उत्पादन के विभिन्न चरणों के लिए अनुकूलतम जलवायु परिस्थितियाँ इस प्रकार हैं… 1. फूल आना
इस समय समान्य तापमान से अधिक तापमान है। जैसे -जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, वैसे -वैसे खेतों में गेहूं की खड़ी फसल में आगजनी का खतरा भी बढ़ता जा
मक्का की खेती रबी, खरीफ एवं जायद तीनों मौसम में की जाती है।खरीफ मौसम में मक्का की बुआई मानसून की शुरुआत के साथ मई के अंत से जून के महीने
बसंत के आगमन के साथ ही आम एवं लीची के वृक्षों में मंजरी (बौर)आना शुरू हो जाती हैं। जिसे देखकर किसान भाई प्रफुल्लित होते हैं। परंतु यदि मंजरी का
आम (Mangifera indica) भारत का एक महत्वपूर्ण फलदार वृक्ष है, जिसे “फलों का राजा” कहा जाता है। यह देश की जलवायु के लिए उपयुक्त है और इसकी खेती व्यापक रूप
कुशीनगर -जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने कृषि निदेशालय उ०प्र० लखनऊ द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में अवगत कराया है कि “ग्रो सेफ फूड” अभियान के अन्तर्गत जनपद के सभी
देवरिया-जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि जनपद में आम के गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिए सम-सामयिक कीट एवं रोग प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि बौर निकलने से लेकर फल लगने तक
आम के बाग में सबसे अधिक ध्यान बौर लगते समय रखना चाहिए, इन्हीं एक-दो महीने में बाग की देख-रेख करके किसान अच्छा उत्पादन पा सकते हैं। फरवरी-मार्च के महीने में
आम के बाग में सबसे अधिक ध्यान बौर लगते समय रखना चाहिए, इन्हीं एक-दो महीने में बाग की देख-रेख करके किसान अच्छा उत्पादन पा सकते हैं। फरवरी-मार्च के महीने में