
महिमा तेरी बड़ी निराली
हाथ पसारे आया द्वारे विनती सुन लो मां काली, मेरे संकट हर लो माते झोली भर दो है खाली । महिमा तेरी बड़ी निराली अदभुत रूप है छवि तेरी,
हाथ पसारे आया द्वारे विनती सुन लो मां काली, मेरे संकट हर लो माते झोली भर दो है खाली । महिमा तेरी बड़ी निराली अदभुत रूप है छवि तेरी,
जन्म हुआ था मेरा 22 माच 1912 को, तब से लेकर आज तक मैं मेहनत का आधार हूं । हां जी हां मैं बिहार हूं । मेरी पहचान है धोती
कभी कोई गुलाल-सा उड़ता हवा में घुलकर गुम हो जाता कोई अबीर-सा झरता हथेलियों पर मन की रेखाओं में भर जाता। कुछ लोग पानी के रंगों जैसे होते हैं
नारी हूं अबला नहीं मैं हूं प्यार की खान, जो सच्चा मुझसे प्रेम करे मै हूं उसपे कुर्बान । मैं ही जग की जननी हूं हूं पुरुषों का अभिमान
आज के कलियुगी मानव की हकीकत बस इतनी सी है, वो साथ में बैठ के हसेंगे भी,
सुनो वतन के कुछ गद्दारों दुर्दिन तेरा आएगा जब भी अपने छोड़ वतन तू दुश्मन से मिल जाएगा । अपने वतन से कर गद्दारी चैन कहां तू पाएगा जो
एक लड़की की है ये कहानी लोगों सुन लो मेरी जुबानी । पहली बार वो घर से निकली जा पहुंची वो संगम नगरी । गई वहां रोजगार कमाने
परवाह हमेशा उसकी करो जो तेरी परवाह करे फिक्र तुम सदा उसकी करो जो तुझे कभी तन्हा ना करे । जान
प्रभु , तेरी ये कैसी रीति है कैसा तेरा है न्याय , कि सीधे सच्चे लोग को ही सहना पड़े अन्याय । झूठे की आंख में शर्म नहीं पर
लक्ष्मीबाई नाम था जिसका झांसी जिसका वास था दुश्मनों के छक्के छुड़ाना हरदम जिसका काम था। वो झांसी की रानी थी वीर थी और मर्दानी थी इसीलिए इतिहास में
लक्ष्मीबाई नाम था जिसका झांसी जिसका वास था दुश्मनों के छक्के छुड़ाना हरदम जिसका काम था। वो झांसी की रानी थी वीर थी और मर्दानी थी इसीलिए इतिहास में