हौसला न हो कम
सुन -सुन ले रे मन खामोश हो जाए धड़कन चाहे निकले दम हौसला न हो कम। किसी कीमत पर हम भी लहराएंगे परचम सहेंगे कुछ भी यातना आंखें बगैर
सुन -सुन ले रे मन खामोश हो जाए धड़कन चाहे निकले दम हौसला न हो कम। किसी कीमत पर हम भी लहराएंगे परचम सहेंगे कुछ भी यातना आंखें बगैर
कोई समझे न तेरी बातों को तो चुप रह जाना ही ठीक होता है | बयाँ जब बात न हो पाए तो खामोशी का सबब ही ठीक होता है |
कुम्हार की मेहनत को घर पर लाए विदेशी झालरों को हम दूर भगाए इस दीपावली सिर्फ माटी का दीया जलाए। अमीर गरीब सभी के घर, महलो को रौशन करता है
मुस्कान चेहरे पे तुम्हें सोचू तो आ ही जाती है याद तुम्हारी यू आजकल हमें तड़पाती है। इंतज़ार तुम्हारा करती थी मैं बहोत बेसब्री से फिर मिल ही जाते,
तुम्हें जब दिल में उतारा बन गए हो तुम तब से इन आंखों का तारा। नही लगता है मुझे तुमसा कोई प्यारा तुम सदा ही साथ देना हमारा। जब
हर एक ठोकर हमे सिखाती है सफलता का मुकाम हर एक ठोकर हमे सिखाती है जिन्दगी का पैगाम हर एक ठोकर हमे सीख देती है | ठोकरें हमे रुलाती
ना किया करो आप खुराफात की बात थोड़ा वक़्त निकाल कर पढ़ो किताब। स्मार्टफ़ोन के जमाने में लोग मोबाइल में खो रहे किताबों से एकदम दूर हो रहे। किताबो से
जब से तुम्हे पाया दिल को करार आया साथ चलते हो तुम बनके मेरा साया। तुम्हारा प्यार मेरे रग रग में है समाया खड़े रहके खुद धूप में मुझे देते
रखो मन में एक अरमान करो उसी का सम्मान कभी ना करो तुम स्वयं पर अभिमान। मन पर अपने काबू रखो करो अपना काम ना दो कभी किसी के बुराई
राखी है भाई बहन का अद्भुत त्यौहार मांगे बहन इस पर्व पर दुआ हजार। न कम हो कभी भाई बहन का प्यार आए सावन माह में रक्षाबंधन हर साल। होता
राखी है भाई बहन का अद्भुत त्यौहार मांगे बहन इस पर्व पर दुआ हजार। न कम हो कभी भाई बहन का प्यार आए सावन माह में रक्षाबंधन हर साल। होता