आओं चले प्रकृति की ओर
आओ चले प्रकृति से जुड़कर खुद को स्वतंत्र करें,
आओं चले अपने हाथों से खेती कर खुद को आत्मनिर्भर करें,
आओं चले अपने हाथों से किचन गार्डनिंग करें,
आओं चले रसायन मुक्त प्राकृतिक विटामिन युक्त खेती करें,
आओ चलें स्वास्थ्यादायक जीवन जीकर, मानव स्वास्थ्य योग्य बनाएं,
आओ चले कृषि से जुड़कर कुटीर उद्योगों को विकसित कर, आत्मनिर्भर बन, खुद के साथ-साथ मानवीय विचारों को भी स्वतंत्र करें,
आओ चले हर पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, हर एक जीव-जंतुओं के स्वास्थ्य हेतु प्रकृति खेती कर, हम खुद के स्वास्थ्य के साथ-साथ मानवीय स्वास्थ्य को भी स्वस्थ करें!
आओ चले उन जंगलों से प्रेम करें,उन नदियों से प्रेम करें,उन झरनों से प्रेम करें , उन झीलों से प्रेम करे
आओ चलें प्रकृति के हर एक प्राकृतिक संपदाओं को सुरक्षित करें , उन प्राकृतिक संपदाओं में खुद को उन में खोकर और खुद को उनमें जीकर संपूर्ण करें!
सरिता प्रकाश
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