Monday 1st of December 2025 05:43:11 AM

Breaking News
  •  सोनिया -राहुल पर नई FIR के बाद कांग्रेस का तीखा हमला ,EC पर भी साधा निशाना |
  • तमिलनाडु में रेड अलर्ट जारी भारी बारिश से तीन लोगो की मौत |
  • अनंत गोएंका 2025-26 के लिए फिक्की अध्यक्ष बने |

Category: स्तंभ

1 Feb

पूंजीवाद का उदय

जड़ वस्तु के पाने की सीमाहीन इक्षा ही पूंजीवाद को जन्म दिया है।जमीन जायदाद, रुपया पैसा ,धातु वाली, अधातु वाली, क्रय विक्रय की सामग्रियां, ये सब जड़ जागतीक धन-संपत्तियों के

2 Jan

नव वर्ष : जिजीविषा एवं लालित्य का समास

नववर्ष केवल नये समय का पर्व नहीं। वह जिजीविषा, सामूहिकता, वैभव, समृद्धि की कामना, संकल्प, नूतनता के उन्मेष का भी प्रकटीकरण है। विषाद की छाया के विरुद्ध नवता का उद्

3 Dec

समन्वित खेती

   युग द्रष्टा, युग स्रष्टा  प्रभात रंजन सरकार जी का कथन है: “Because food is the most essential commodity, agriculture is the most important part of the economy and should

7 Oct

न्याय, अस्तित्व और अस्मिता के लिए लड़ती नारी

‘हाथरस की निर्भया ने दम तोड़ दिया’. इस खबर ने मुझे न तो चौंकाया और न ही शांत रहने दिया क्योंकि हर रोज़ न जाने कितनी निर्भया इस पुरुष प्रधान

15 Aug

स्वतंत्रता दिवस

मानव स्वभाव है सुख की आकांक्षा | सुख सब लोग चाहतें हैं किन्तु सुख की खोज ही तो दुःख का कारण है |स्वतंत्रता प्राप्ति का इतिहास भी ऐसा ही है

4 Aug

हमारा समाज

हमारा मानव समाज विभिन्न प्रकार की समस्याओं से घिर गया है- चाहे वह समस्या बेरोजगारी की हो, या गरीबी की, या नैतिक पतन की, या सांस्कृतिक विकृति की, या सामाजिक

11 Jul

भारतीय स्वतंत्रता के बाद शिक्षा की संवैधानिक दशा और दिशा

  संविधान निर्माताओं ने शिक्षा विषयक प्रावधान राज्य के नीति निर्देशक तत्व के अंतर्गत आर्टिकल 45 के तहत वर्णित किया। विदित है कि राज्य के नीति निर्देशक तत्व के अंतर्गत

11 Jun

आमजन का श्वेतपत्र

पहले और दूसरे लॉकडाउन में पूरी उम्मीद थी कि भारत कोविड-19 की  वैश्विक महामारी पर नियंत्रण कर लेगा। पर अब तो अनलाकिंग के प्रथम चरण के साथ ही सरकार और

4 Jun

हमारा भारत तब और अब

  आज सभी मीडिया में ही राष्ट्रीयता का प्रचार परवान पर है। सत्तासीन जनेतागण भी सर्वत्र राष्ट्रीयता -राष्ट्रीयता का गान गाते नहीं थक रहे हैं। यहां एक प्रश्न किसी भी

4 Jun

हमारा भारत तब और अब

  आज सभी मीडिया में ही राष्ट्रीयता का प्रचार परवान पर है। सत्तासीन जनेतागण भी सर्वत्र राष्ट्रीयता -राष्ट्रीयता का गान गाते नहीं थक रहे हैं। यहां एक प्रश्न किसी भी