
हिंदी के लिए खतरा
एक बेर एगो बइठकी भोजपुरी परिषद, बलिया के तत्वावधान में चलत रहे| भोजपुरी परिषद के सचिव भइला के नाते हमीं संचालन करत रहलीं| ओ बइठकी में भोजपुरी, हिंदी आ अंग्रेजी
एक बेर एगो बइठकी भोजपुरी परिषद, बलिया के तत्वावधान में चलत रहे| भोजपुरी परिषद के सचिव भइला के नाते हमीं संचालन करत रहलीं| ओ बइठकी में भोजपुरी, हिंदी आ अंग्रेजी
हमार एगो पट्टीदार गोपाल भईया के नोकरी कवनो बहुते बड़ पद पर लाग गइल आ ऊ दिल्ली में रहे लगलन| कबो काल्ह एने अइबो करिहें त खाली गिटिर पिटिर अंग्रेजी
शहर से आने में रोज सांझ बिता ही देते हो, कभी तो समय से आकर बच्चों की कापी, किताब ,कलम, पेंसिल और रबर की जानकारी ले लिया करो। इतनी रात
मैं पैदल बाजार जा रहा था, अचानक एक लक्जरी गाड़ी मेरे सामने आ गयी. अपने को बचाते हुए मैं किनारे हो गया| उस गाड़ी के चालक ने मुझे आवाज
मोबाइल की घंटी बजी, मैंने कहा ” हलो ” । उधर से एक मेरे मित्र की आवाज आई “मैं बहुत परेशान हूं, मेरी पत्नी को कोरोना हो गया है।”
एक दिन अपने बचपन के सहपाठी मित्र के पहुंचा तो देखा कि मेरा मित्र एक गिफ्ट पैकेट तैयार कर रहा था। मैंने पूछा कि”यह गिफ्ट पैकेट किसके लिए है? “वह
मकर संक्रांति के दिन सुबह स्नान दान के बाद सोचा कि”अपने सभी दोस्तों को मोबाइल से बधाई न देकर घर- घर जाकर बधाई दूं। सभी दोस्त अगर एक- एक तिलवा
आज सुबह एक मित्र ने मुझसे कहा कि ” अब हिंदी का क्रेज वर्ल्ड लेवल पर बढ़ रहा है। इसीलिए अब हर साल दस जनवरी को वर्ल्ड हिंदी डे मनाया
भेड़िए ने जंगल में सबको बुलाया, पर शेर की याद ही नहीं आई।सभी एकत्रित हुए,सभा की शुरुआत हुई।सियार से स्वागत और आवा भगत की सेवाएं,लोमड़ी से आवश्यक एवं आकस्मिक सुविधाओं
ब्रह्मचारी जी खूब जोर से चिल्ला रहे थे- ‘अब मेरा बेटा दामोदर पूरे गांव को सिखलायेगा। उनकी आवाज सुनकर मुहल्ले के सभी लोग इकट्ठे हो गये थे। सभी के
ब्रह्मचारी जी खूब जोर से चिल्ला रहे थे- ‘अब मेरा बेटा दामोदर पूरे गांव को सिखलायेगा। उनकी आवाज सुनकर मुहल्ले के सभी लोग इकट्ठे हो गये थे। सभी के