कोविड-19 के दौर में भारत का प्रगति-पथ
कोरोना वायरस की महामारी ने सबकुछ ठप कराकर दुनिया के सामने अभूतपूर्व और विचित्र जटिलताएँ उत्पन्न कर दी हैं। इस महामारी के नियंत्रण के बाद दुनिया पहले जैसी नहीं रहेगी;
कोरोना वायरस की महामारी ने सबकुछ ठप कराकर दुनिया के सामने अभूतपूर्व और विचित्र जटिलताएँ उत्पन्न कर दी हैं। इस महामारी के नियंत्रण के बाद दुनिया पहले जैसी नहीं रहेगी;
महामारी के बारे में बहुत से चेतावनियाँ वैज्ञानिक , शास्त्रीय दृष्टान्त एवं धार्मिक उपदेश मिलते हैं , इसका विशेष रूप से विश्लेषण होना होना चाहिए | आज कोरोना वायरस के
गुणवत्ता का प्रतीक जापान आज जिस ऊंचाईपर पहुंचा है उसमें अमेरिका का महती योगदान रहा है। अमेरिका के समक्ष जापान ने1945 में आत्मसमर्पण किया अवश्य, पर अमेरिका जापान की क्षमताओं
भारत कृषि प्रधान देश है | ग्रामीण अंचल से शहरों की ओर पलायन होने के बावजूद भी 80 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है |जिनका मुख्य व्यवसाय कृषि ही है
देश आज अपना 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। जब भी हम गणतंत्र की कल्पना करते हैं तो गणराज्य के निवासियों की समता, संपन्नता के साथ संप्रभुता मानस पटल पर
सृष्टि के विकास क्रम में कुछ विशेष प्रकार के उन्नत प्राणियों का उदभव हुआ |जीवित सन्ताओं में अपनी अनुभूतियों को एक दुसरे के साथ शेयर करने की स्वाभाविक प्रवृति
समाज , मीडिया और संस्कृति मानव जीवन के तीन आयाम हैं , तीनो परस्पर सम्बद्ध हैं |पत्रकारिता समाज का दर्पण है ,पत्रकारिता रूपी दर्पण मे समाज का प्रतिबिम्ब परिलक्षित होता
आज 5 मार्च को भारत बंद का आयोजन किया गया है। इस बंद में देश के तमाम सियासी पार्टियां और सामाजिक ,सांस्कृतिक संगठन भाग ले रहे हैं। बंद के दो
शिक्षा मात्र शिक्षित करने का कार्य नही करती है बल्कि यह हमे सुसंस्कृत बनाने के साथ -साथ हमारी संवेदनशीलता और दृष्टि को भी प्रखर बनाती है |देश की ग्रामीण और
सुप्रीमकोर्ट ने गत बुधवार को अरसे से विचाराधीन तीन अलग -अलग अहम मामलों मे फैसला सुनाया |पहला मामला आधार कार्ड की वैद्ता को लेकर आया ,जबकि दूसरा सरकारी नौकरी मे
सुप्रीमकोर्ट ने गत बुधवार को अरसे से विचाराधीन तीन अलग -अलग अहम मामलों मे फैसला सुनाया |पहला मामला आधार कार्ड की वैद्ता को लेकर आया ,जबकि दूसरा सरकारी नौकरी मे