पैना के रणबांकुरों ने नही स्वीकारी पराधीनता
31 जुलाई 1857 को अंग्रेजों के छक्के छुडाते हुए गाँव के लगभग 300 बागी और 91 महिलाओं ने अमर किया पैना गाँव का नाम | देवरिया जनपद के दक्षिणाचल में
31 जुलाई 1857 को अंग्रेजों के छक्के छुडाते हुए गाँव के लगभग 300 बागी और 91 महिलाओं ने अमर किया पैना गाँव का नाम | देवरिया जनपद के दक्षिणाचल में
हर वर्ष 11जुलाई को जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि जनसंख्या का प्रभाव प्रमुख रूप से देश के विकास और उसके कार्य संचालन पर पड़ता है ।
पत्रकारिता दिवस पर प्रतिवर्ष पत्रकारों एवं पत्रकारिता की चर्चा होती है |सरकारे भी आतीं है और चली जाती हैं , पत्रकार की दशा और दिशा पर विचार विमर्श नहीं करती
अक्सर हम अपने बचपन को याद करते हैं, ये सोचते हुए के हम कितने स्वस्थ रहते थे हर चोट, फोड़े, फुंसी के बाद भी कैसे- कैसे खेल खेलते थे? मोबाइल
होली हमारे समय को आल्हाद से भर देती है। अर्थात् यह नए वातावरण का सृजन करती है- स्नेहिल, सुगंध व पुनर्नूतनता भरे । होली कहती है कि अभी और पुनर्नवीकरण
जड़ वस्तु के पाने की सीमाहीन इक्षा ही पूंजीवाद को जन्म दिया है।जमीन जायदाद, रुपया पैसा ,धातु वाली, अधातु वाली, क्रय विक्रय की सामग्रियां, ये सब जड़ जागतीक धन-संपत्तियों के
नववर्ष केवल नये समय का पर्व नहीं। वह जिजीविषा, सामूहिकता, वैभव, समृद्धि की कामना, संकल्प, नूतनता के उन्मेष का भी प्रकटीकरण है। विषाद की छाया के विरुद्ध नवता का उद्
युग द्रष्टा, युग स्रष्टा प्रभात रंजन सरकार जी का कथन है: “Because food is the most essential commodity, agriculture is the most important part of the economy and should
‘हाथरस की निर्भया ने दम तोड़ दिया’. इस खबर ने मुझे न तो चौंकाया और न ही शांत रहने दिया क्योंकि हर रोज़ न जाने कितनी निर्भया इस पुरुष प्रधान
73 वर्षों के आज़ाद भारत को देखने से यह परिलक्षित होता है की राजनीतिक लोकतंत्र लोगों की आशाओं और उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है, न ही इस व्यवस्था के
73 वर्षों के आज़ाद भारत को देखने से यह परिलक्षित होता है की राजनीतिक लोकतंत्र लोगों की आशाओं और उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है, न ही इस व्यवस्था के