राष्ट्रीय प्रेस दिवस
आज भारत की गिनती सर्वाधिक महान लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में होती है। प्रेस को लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ कहा गया है। प्रेस की स्वतंत्रता व जिम्मेदारियों का एहसास कराने की दृष्टि से प्रतिवर्ष 16 नवम्बर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है।
भारत के संविधान के तृतीय भाग में उल्लेखित मौलिक अधिकारो के अन्तर्गत अनुच्छेद -19 में
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लेख है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस प्रेस की स्वतंत्रता एवं जिम्मेदारियो
के प्रति हमारा ध्यान आकृष्ट करता है।
भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में प्रेस की बड़ी ही महत्तवपूर्ण भूमिका रही हैं। राष्ट्र प्रेम की भावना तथा राष्ट्रीय स्वतंत्रता हेतु मर मिटने का जज्बा पैदा करने में समाचार पत्रो की बड़ी ही गुरूत्तर भूमिका रही है।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक राष्ट्र प्रेम का अलख जगाने में हमारे कवियों व लेखको का बडा ही सराहनीय योगदान रहा है।स्वतंत्र भारत में अनके ता में एकता तथा विविधता मे एक रूपता का मानदण्ड स्थापित करने में प्रेस की भूमिका के बारे मे बताने की आवश्यकता नहीं है।
राष्ट्रीय एकता तथा अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने में प्रेस की बड़ी महत्तवपूर्ण भूमिका है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पत्रकार बन्धुओ को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्वंय को फिर से समर्पित करने का
अवसर प्रदान करता है। वर्तमान परिदृश्य में पत्रकारिता का क्षेत्र व्यापक हो गया है। यह मात्र सूचना प्रेषण का माध्यम न होकर शिक्षाप्रद एवं मनोरंजनात्मक हो गया हैं।
पत्र और पत्रकार समाजहित में आज समय की मांग है कि हम पीत पत्रकारिता की जगह सत्य, तथ्यात्मक एवं तर्कपूर्ण प्रस्तुति से आमजन का अधिकाधिक विश्वास अर्जित करें।
मनोज ’ मैथिल