कम अवधि मे पपीते की खेती- प्रो. मौर्य
पपीता सबसे कम समय में फल देने वाला पेड़ है इसलिए कोई भी इसे लगाना पसंद करता है| पपीता न केवल सरलता से उगाया जाने वाला फल है, बल्कि जल्दी
पपीता सबसे कम समय में फल देने वाला पेड़ है इसलिए कोई भी इसे लगाना पसंद करता है| पपीता न केवल सरलता से उगाया जाने वाला फल है, बल्कि जल्दी
बलिया / सोहाव- लीची एक रसदार फल है जो गर्मी के मौसम मे खाकर आन्नद लिया जाता है। मुजफ्फरपुर बिहार लीची के लिए देश मे प्रसिद्ध है। पूर्वी उतर
ग्वारफली- सीधी बुवाई द्वारा करेला-सीधी बुवाई द्वारा टमाटर -नर्सरी द्वारा ककोड़ा – सीधी बुवाई द्वारा तुरई-सीधी बुवाई द्वारा अगेती फूल गोभी- नर्सरी द्वारा अगेती पत्तागोभी- नर्सरी द्वारा लौकी-सीधी
बलिया /सोहावं – करोना वायरस के कारण 25 मार्च से लाकडाउन चल रहा है। लोग घरों में कैद है ,बहुत आवश्यकता पड़ने पर ही लोग घर से बाहर निकल रहे
बलिया/ सोहाव – टिड्डी दल राजस्थान से मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में प्रवेश हो चुका है। फिल हाल झांसी में इनके आक्रमण की सूचना प्राप्त
प्रजातियाँ – कम अवधि वाली (125-140 दिन) % ]पूसा 84, मानक, पूसा 992, इत्यादि लम्बी अवधि वाली (240-275) बहार, मालवीय अरहर-१३, नरेन्द्र अरहर 1, नरेन्द्र अरहर २, आई पी
बलिया / सोहाव – जो भी फल, सब्जियां या अनाज खाते हैं उसमें परागण की प्रक्रिया का खास योगदान मधुमक्खियों का है। मधुमक्खियां पेड़ पौधों के पराग कणों को एक
कृषि के क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए नित्य नवीन कृषि प्रणालियो का आविष्कार हो रहा है | फर्टिगेशन भी एक ऐसी ही तकनीकि है ,जिसमे पौधों की
बलिया – इस समय कद्दू वर्गीय सब्जियों में फल मक्खियों की समस्या काफी बढ़ जाती है, इस कीट का प्रकोप सर्वाधिक मार्च से सितंबर महीने तक रहता है। इस दौरान
बलिया – प्रति व्यक्ति को प्रतिदिन 300 ग्राम सव्जियो की आवश्यकता होती है।जिसमे 100 ग्राम पत्तेदार होनी चाहिये। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौधौगिक विश्व विधालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित
बलिया – प्रति व्यक्ति को प्रतिदिन 300 ग्राम सव्जियो की आवश्यकता होती है।जिसमे 100 ग्राम पत्तेदार होनी चाहिये। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौधौगिक विश्व विधालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित