कोराना वायरस के कारण सब्जियों के दाम, कौड़ी के भाव
बलिया /सोहावं – करोना वायरस के कारण 25 मार्च से लाकडाउन चल रहा है। लोग घरों में कैद है ,बहुत आवश्यकता पड़ने पर ही लोग घर से बाहर निकल रहे है| आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौधोगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र सोहाँव बलिया के अध्यक्ष डा. रवि प्रकाश मौर्य ,प्रोफेसर (कृषि कीट विज्ञान) ने बताया कि खेती- बारी ,पशुपालन आदि का कार्य घर मे रह कर नही हो सकता। इस लिये किसान खेतों पर जा रहे है। परन्तुं खेती हेतु मजदूर नही मिल पा रहे है।
मजदूरों का कहना है कि बाबू जब जियल जाई ,तबे न कईल खाईल जाईल।
लाकडाउन मे भी कृषि विज्ञान केन्द्र सोहाँव बलिया के वैज्ञानिक ई.एम.पी.सिंह कृषि अभियंत्रण,डा.प्रेम लता श्रीवास्तव गृह विज्ञान , राजीव कुमार सिंह उधान एवं प्रक्षेत्र प्रवंधक बेद प्रकाश सिंह आदि लगातार मोबाइल, whatsapp के माध्यम से किसानों एवं कृषि प्रसार कार्यकर्ताओ से जुडे़ है। वैज्ञानिकों द्वारा समय समय पर कृषि सम्बंधित एडवाजरी जारी की जा रही है।अब तक केन्द्र द्वारा फसल, सब्जी, फल, पौध स्वास्थ्य, गृह विज्ञान एवं अन्य बिषयों पर 62 एडवाइजरी जारी की गई है।
केन्द्र द्वारा जनपद के कृषकों, कृषक महिलाओं ,नवयुवकों एवं नवयुवतियों को मोबाइल, हाट्सप , समाचार पत्रों के माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है। और बेहतर तकनीकी सलाह की सुविधाएं दे रहा है। आरोग्य सेतु एप, किसान रथ एप एवं आयुष कवच एप डाउन लोड करने हेतु तथा साबुन से 20 सेकेंड तक हाथ धोना, मास्क पहन कर घर से बाहर निकलना ,आपसी दूरी चार हाथ बनाये रखने हेतु सभी को प्रेरित किया जा रहा है। किसानों को सलाह दिया जा रहा है कि फोन,मोबाइल ,whatsapp के माध्यमों से अपनी समस्या का समाधान केन्द्र से प्राप्त करें ।
बहुत आवश्यक हो तभी केन्द्र पर मास्क लगाकर आये तथा कार्यालय के बाहर रखे साबुन, पानी सेनटेराइजर का प्रयोग करने के बाद कार्यालय मे प्रवेश करें । समाजिक दूरी बनाये रखे, एक बार मे एक ही किसान प्रवेश करें । केन्द्र के बाहर आस पास रह रहे कृषक परिवारों ए्वं मजदूरों को 100 मास्क बितरित किया गया। प्रो. मौर्य ने जनपद के प्रगतिशील कृषक एवं किसान संघ के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ,बाँसडीह, सब्जियों की खेती मे महारथ हासिल कृषक धीरेन्द्र राय गड़वार, सब्जी कृषक तथा कई पुरस्कार प्राप्त हरेराम चौरसिया मनेर, प्याज की खेती करने वाले अनिल तिवारी बेलहरी एवं अन्य कृषकों से सब्जियों के भाव की जानकारी ली गयी तथा स्वयं केन्द्र के उधान बिशेषज्ञ राजीव कुमार सिंह के साथ रतसड, बलिया, भरौली आदि सब्जी बाजार का भ्रमण किया तथा विभिन्न सब्जियों का भाव प्रति किग्रा. पूछा जो चौकानें वाले रहे।
लौकी रू3/ प्रति किग्रा.,करेला, भिण्डी नेनुआ,टमाटर, तरबूज, खरवुज परवल रू5 -10 प्रति किग्रा. प्याज रू8-12 ,हरी मिर्च 15-30/ आलू रू 20-22 प्रति किग्रा.बिक रहा है। फूलों की खेती करने वालो की तो और बुरा हाल है खेत मे ही फूल सूख रहे है ,मंन्दिर के पट खुल नही रहा है। शादी विवाह एवं अन्य धार्मिक कार्य नही हो रहे है, जिससे फूलों की मांग नही है। ऐसे मे गाँव की कहावत कौडी के भाव चरितार्थ हो रही है। बिगत कई बर्षों से ऐसा देखा जा रहा है कि अप्रैल, मई एवं जून माह में कोई भी हरी सब्जी रू 20 से 40 के मध्य प्रति किग्रा रहा करते थे।
कृषकों ने बताया कि 14 अप्रैल के बाद प्रत्येक गाँव मे कई- कई धार्मिक कार्य , विवाह, गृह प्रवेश अन्य भोज कार्यक्रम आयोजित होने से थोक मे 50-100 किग्रा तक अधिकतर सब्जियां बिक्री हो जाती थी, खेत से लोग खरीद लेते थे। बलिया से सब्जियां नेपाल, बंगाल एवं आसपास के जनपदों के ब्यापारी क्रय कर ले जाते थे। कोराना वायरस की वजह से इस समय सभी कार्यक्रम बन्द है। होटल,ढाबा भी बन्द है। बाटी चोखा की दुकानों पर आलू, बैगन, टमाटर , हरी मिर्च की खपत होती थी ,साधन नही चल रहे है। सब्जियाँ जनपद से बाहर नही जा रही है।जिसके कारण सब्जियों की कम खपत हो रही है। ऐसा अनुमान है कि जून माह से सब्जियों के उत्पादन मे कमी आयेगी।
बरसात की सब्जियाँ उगाने से किसान पीछे हट रहे इसलिये सब्जियों के भाव जुलाई से आसमान छुएगा। किसानों को सलाह दी जाती है कि इन परिस्थितियों मे ज्यादा तर कंद वाली सब्जियां जैसे बण्डा. अरुई /घुईया, सुरन , हल्दी. अदरक की खेती करे जो काफी टिकाऊ भी है तथा जंगली जानवरों से बचाव भी होगा। हरी सब्जियां भी आवश्यकता के अनुसार ,स्थानीय बाजारों मे बिक्रय हेतु जरूर उगाये क्योकि दलहनी फसलोत्पादन मे कमी आयी है।सभी के लिये दाल क्रय कर खाना संम्भव नही होगा। दाल की जगह सब्जियाँ लेगी।