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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 15 May 12:39 PM |   462 views

फर्टिगेशन

कृषि के क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए नित्य नवीन कृषि प्रणालियो का आविष्कार हो रहा है | फर्टिगेशन भी  एक ऐसी ही तकनीकि है ,जिसमे पौधों की प्राथमिक आवश्यक तत्वों की पूर्ति के लिए घुलनशील / तरल उर्वरक को टपक /स्प्रिकलर सिचाई पद्धति द्वारा सीधा  जड़  क्षेत्र  में दिया जाता है | यह   सभी  प्रकार  की मिटटी में सभी प्रकार  सब्जियों एवं फूलों  तथा कुछ फूलों में दिया जा सकता है |उर्वरको का पोषक मान , उर्वरको की मिटटी में चलनता, मिटटी की लवणता , सिचाई जल का प्रकार , पौधों की कुल आवश्यकता तथा भूमि का पी . एच . फर्टिगेशन प्रभाव डालतें हैं |

वैज्ञानिक विधि से फसल की अवस्था , मौसम , मिट्टी तथा पानी को ध्यान में रखते हुए कृषि करने से पैदावार व गुणवत्ता को बढाया जा सकता है |कुछ कम समयावधि वाली फसलें जैसे-  टमाटर , शिमला मिर्च , गेंदा , डहेलिया इत्यादि फसलों में फर्टिगेशन मुख्य प्रभाव डालतें हैं |

फर्टिगेशन के लाभ –

1 -पोषक तत्वों को सीधा व समान रूप से जड़ो में दिया जा सकता है |

2 – इसे पारम्परिक तरीकों से उर्वरक डालने की अपेक्षा 25 – 50 %उर्वरक की बचत होती है |

3 – आवश्यकतानुसार कभी भी उर्वरक पौधों को दिए जा सकतें है |

4 – पौधों द्वारा  फर्टिगेशन से उर्वरक  दिए जाने  पर शीघ्र पोषक तत्वों का ग्र हण  

5 – उर्वरक ,ईंधन / उर्जा ,श्रम शक्ति ,समय तथा यंत्रो की बचत |

6 – थोडा – थोडा तथा बार – बार उर्वरक , पौधों की किसी भी अवस्था में आसानी पूर्वक देना |

7 – उर्वरक का लीचिंग द्वारा भू जल में मिश्रण न होना |

8 – उर्वरक को भूमि में मिलाने की आवश्यकता नही |

9 – पौधों की एनी विधियों की अपेक्षा अधिक बढ़वार तथा उपज |

 फर्टिगेशन के नुकसान – 

1 – यदि सिचाई प्रणाली का पानी समान रूप से वितरित न हो तो उर्वरक भी असमान रूप से मिलेगा |

2 – कम घुलनशील या गलत उर्वरक प्रयोग करने से टपक सिचाई प्रणाली का बंद होना |

 

फर्टिगेशन करते समय सावधानियां –

पानी की गुणवत्ता               उर्वरक 

उर्वरक की घुलनशीलता       उर्वरकों की समरूपता 

मिट्टी का पी . एच .              मिटटी में उपलब्ध पोषक तत्व  

फर्टिगेशन देने का समय     फर्टिगेशन करने की प्रणाली 

( डॉ . शुभम कुलश्रेष्ठ ,असिस्टेंट प्रोफ़ेसर ,रवीन्द्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी ,रायसेन मध्यप्रदेश )

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