
ढाई आखर प्रेम का
कबीर दास प्रेम का संदेश एवं समाज को नई दिशा देने वाले संत थे। जहां प्रेम है वहीं खुशी है,जहां खुशी है वहीं ईश्वर का निवास होता है। अहंकार, ईर्ष्या,
कबीर दास प्रेम का संदेश एवं समाज को नई दिशा देने वाले संत थे। जहां प्रेम है वहीं खुशी है,जहां खुशी है वहीं ईश्वर का निवास होता है। अहंकार, ईर्ष्या,
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। इनके पिता का नाम खन्दोजी नेवसे और माता का नाम लक्ष्मी था। सावित्रीबाई फुले का विवाह 1840 में ज्योतिबा फुले
भिखारी ठाकुर का जन्म 18 दिसंबर 1887 दिन सोमवार को ठीक दोपहर में ठाकुर परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम दलसिंगार ठाकुर और माता का नाम शिवकली देवी
जब कोई महामानव धरती पर अवतरित होता है ,तो उसके प्रारंभिक काल से ही असमान्य घटनाएँ घटित होने लगती है | कबीर दास के साथ भी ऐसा ही हुआ |इनके
डॉ भीम राव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू गाँव के एक महार परिवार में हुआ था | इनके पिता का नाम राम जी शकपाल
बिरसा मुंडा 19वीं सदी के एक प्रमुख आदिवासी जननायक थे। उनके नेतृत्व में मुंडा आदिवासियों ने 19वीं सदी के आखिरी वर्षों में मुंडाओं के महान आन्दोलन उलगुलान को अंजाम दिया। बिरसा मुंडा भी ऐसे ही एक युगांतरकारी
बच्चे का भविष्य पालने में पाँव देख कर ही पता चल जाता है , यह कहावत शहीद भगत सिंह पर चरितार्थ होती है |भगत सिंह पांच वर्ष की उम्र में
अति सरल जीवन शैली , प्रतिभा के धनी ,ईमानदार , कुशल वक्ता के रूप में प्रतिष्ठित भारत के पाचवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को कौन नही जानता |किसान परिवार में
बिहार की पावन धरती पर एक ऐसे महामानव का अविर्भाव हुआ जो अपनी कुशाग्र बुद्धि ,ज्ञान , चिंतन प्रतिभा ,सादगी और राजनीतिक सूझ- बूझ का ऐसा मिसाल था , जो
उत्तर प्रदेश का देवरिया जनपद आर्थिक रूप से पिछड़ा जरुर रहा है , किन्तु साहित्य और राजनीति के क्षेत्र में देवरिया सतत अविस्मर्णीय रहेगा | देवरिया के दक्षिणांचल में
उत्तर प्रदेश का देवरिया जनपद आर्थिक रूप से पिछड़ा जरुर रहा है , किन्तु साहित्य और राजनीति के क्षेत्र में देवरिया सतत अविस्मर्णीय रहेगा | देवरिया के दक्षिणांचल में