विश्वकर्मा पूजा
विश्वकर्मा पूजा सम्पूर्ण भारत में बड़ें ही आस्था के साथ मनाया जाता है |ऐसा माना जाता है कि ब्रम्हांड के सबसे बड़े शिल्पी और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा थे |इनकी पूजा
विश्वकर्मा पूजा सम्पूर्ण भारत में बड़ें ही आस्था के साथ मनाया जाता है |ऐसा माना जाता है कि ब्रम्हांड के सबसे बड़े शिल्पी और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा थे |इनकी पूजा
जीवन दु:ख नहीं है, जीवन में दु:ख है जीवन में सुख भी है, दु:ख भी है जब सुख होता है तब दु:ख विद्यमान नहीं होता है। लेकिन, जब दु:ख आता
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि वैश्विक चिंता से जुड़े मुद्दों के समाधान में बौद्ध मूल्यों और सिद्धांतों के उपयोग से विश्व को आरोग्यता प्रदान करने और इसे एक
आज नव नालन्दा महाविहार के कुलपति प्रो वैद्यनाथ लाभ की अध्यक्षता में “वर्तमान समय में बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में डॉ
श्रृष्टि भी एक बार जरूर सोचती होगी कि आखिरकार इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य राजवंश के राजा शुद्धोधन का प्रिय राज कुमार सिद्धार्थ परिवार सुख ,राज सुख,वैभव सुख और राजपाठ का
राम संस्कृति व सभ्यता,राम हमारे धर्म राम सिखाते हैं हमें, अपना क्या सत्कर्म पापियों के कुकर्म से,जग का हो उद्धार रामचन्द्र के रूप में, विष्णु
भारत का धार्मिक और सांस्कृतिक त्यौहार है बसंत पंचमी | यह बसंत के पांचवे दिन से मनाया जाता है |बसंत पंचमी सर्दियों और धुंधो के अंत का प्रतीक है |
खगोल विज्ञान के अनुसार पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है | भारत में इस पर्व को कई नामो
सांता क्लॉज के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि एक बार संत निकोलस को मायरा के एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जानकारी मिली,
” सारे कर्मों को सुधारने के लिए मन के कर्मों को सुधारना होता है और मन के कर्म को सुधारने के लिए मन पर पहरा लगाना होता है। कैसे
” सारे कर्मों को सुधारने के लिए मन के कर्मों को सुधारना होता है और मन के कर्म को सुधारने के लिए मन पर पहरा लगाना होता है। कैसे