
75 दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव का कल होगा शुभारम्भ- विनय
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के भाषा विभाग द्वारा ’’75 दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव’’ मनाया जा रहा है। जिसका शुभारम्भ उ0प्र0 संस्कृत संस्थान, लखनऊ के सभागार में कल आयोजित किया जा रहा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के भाषा विभाग द्वारा ’’75 दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव’’ मनाया जा रहा है। जिसका शुभारम्भ उ0प्र0 संस्कृत संस्थान, लखनऊ के सभागार में कल आयोजित किया जा रहा है।
भूटान – यहां हम सब साथ-साथ एवं हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के संयुक्त बैनर तले दसवें अंतर्राष्ट्रीय मैत्री सम्मेलन एवं सांस्कृतिक यात्रा का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत भ्रमण के साथ-साथ
किसी भी भाषा की एक परम्परा होती है, उसके पीछे एक विरासत होती है।उसका प्रयोग और व्यवहार ही उसे जीवन्त बनाता है। भोजपुरी भाषा के पीछे एक समृद्ध विरासत है।
भोजपुरी भाषा भोजपुरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की मातृभाषा है। भारत के विशाल भू-भाग में रहने वाले जनसमूह की भाषा है। इनकी मातृभाषा भोजपुरी पहचान और अस्मिता के साथ
नव नालन्दा महाविहार में हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया। एक सितंबर से चल रहे हिन्दी पखवाड़े का समापन हुआ। हिन्दी दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में प्रास्ताविक व्याख्यान
भाषा का अधिग्रहण एक गतिशील व जटिल कार्य है। सामाजिक व पारिवारिक संदर्भ में देखें तो भाषा का अधिग्रहण सांस्कृतिक मान्यताओं, उम्मीदों, मूल्यों के रूप में आता है। भाषा का
लखनऊ: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा 14 सितम्बर, 2023 को ’’हिन्दी दिवस’’ समारोह के अवसर पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन 13 व 14 सितम्बर, 2023 को पूर्वाहन 10.30 बजे से
रुद्रपुर -आज भोजपुरी पुनर्जागरण मंच के तत्वावधान में सतासी इंटर कालेज रुद्रपुर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार विमर्श का विषय था-भोजपुरी क्षेत्र के पवित्र माटी की समृद्ध
रामपुर कारखाना -आज जनता इंटर कॉलेज रामपुर कारखाना देवरिया के प्रांगण में भोजपुरी पुनर्जागरण मंच के तत्वावधान में मानव जीवन में मातृभाषा का महत्व विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
नव नालन्दा महाविहार ( सम विश्वविद्यालय ) में हिन्दी पखवाड़ा का उद् घाटन- कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसके मुख्य अतिथि थे- दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय , गया के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ
नव नालन्दा महाविहार ( सम विश्वविद्यालय ) में हिन्दी पखवाड़ा का उद् घाटन- कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसके मुख्य अतिथि थे- दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय , गया के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ