Sunday 5th of October 2025 05:19:09 PM

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Category: व्यंग्य

24 Nov

हाय रे मोबाइल

मैं पत्र लिख रहा था। मेरे एक मित्र आए और कहने लगे “ऐ मेरे अठारहवीं शताब्दी के मित्र,कब तक बैकवर्ड रहोगे। आजकल कोई पत्र लिख कर कागज़,स्याही,समय और पैसे की

16 Oct

 गोबर की खाद

रमेश व सुरेश दोनों घनिष्ठ मित्र व सहपाठी थे। रमेश को बचपन से ही कविताएं लिखने का शौक था। कभी कभी अपनी लिखी कविता को लाकर सुनाता तो सुरेश ठहाका

17 Sep

नौकर की बात

लखन व मदन दो भाई थे। साथ में विधवा मां थी जो घर घर झाड़ू पोंछा कर के दोनों का पालन पोषण कर रही थी। लखन बड़ा था और पढना

28 Jun

झोपड़ी से महल

” रे बुड्ढे अपनी झोपड़ी यहाँ से हटा लो ” “आप कौन है साहब ? क्यों हटा रहें है मुझे ? परिवार लेकर कहाँ जाऊं ? मै  ठेकेदार हूँ |

9 May

वर्तमान परिस्थितियां और हम

बहुत पहले मैंने एक घटना पढ़ी थी।मैंने पढा था कि एक अमावस की रात्रि थी और एक व्यक्ति शराब पीने के उद्देश्य से मधुशाला जाने को तैयार हुआ।जाते समय उसने

8 Apr

राजा तो नंगा है

एक बहुत मशहूर कहानी है कि एक राजा था जो बहुत घमंडी था और जो उसकी चाटुकारिता करता उनसे खुश रहता जिससे उसके दरबार में ज्यादातर चाटुकारों का ही बोलबाला