
आ अब लौट चले “गाँव की ओर”
खेती सिर्फ आजीविका का साधन ही नहीं है, बल्कि यह जीवन की गुणवत्ता को सुधारने और समाज को स्थिरता प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। खेती करना न केवल
खेती सिर्फ आजीविका का साधन ही नहीं है, बल्कि यह जीवन की गुणवत्ता को सुधारने और समाज को स्थिरता प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। खेती करना न केवल
आज यथार्थ छवियों और चिह्नों में परिवर्तित होने लगा है। दीप की ज्वलनशीलता और प्रकाशधर्मिता के प्रतीक के रूप में हम स्मृति को जीते हैं, यानी स्मृति की स्वतंत्रता! रिल्के
भारत की स्वतंत्रता संघर्ष केवल ब्रिटिश हूकूमत के खिलाफ नहीं थी बल्कि एक ऐसी शक्ति के खिलाफ थी जिसका जन्म औद्योगिक क्रांति का प्रतिफल था। भारत की आजादी की
मानव सभ्यता का इतिहास इस सत्य को उजागर करता है कि मनुष्य ने अपने अतीत को सुरक्षित रखने का प्रयास किया, क्योंकि विधाता की सृष्टि में मनुष्य उसकी सर्वश्रेष्ठ रचना
होली और होरहा-ये दो भोजपुरी समाज को एक अलग रंग और सुगंध देते हैं। एक ऐसा स्वाद जो ग्रहण करता है, वही जानता है। होली में तरुणाई है, अमराई
गणतंत्र का संसार गण का तंत्र है, जिसमें बहुसांस्कृतिकता की ध्वनियां हैं। गणतंत्र का अर्थ बहुवचनात्मकता है, जिसमें अनेक धाराओं का सम्मान है। देश आज अपना गणतंत्र दिवस मना रहा
विविध घटनाक्रम के पृष्ठों के गतिपथ को पार कर भविष्य को निहारते हुए नववर्ष में आ पहुंचे हैं। पिछली स्मृतियां छूटी नहीं हैं। नववर्ष ठहरकर तटस्थ होकर पूर्व मानुष-मुद्राओं को
इस जीवन में महत्वपूर्ण यह नहीं कि आपके पास कितनी धन, दौलत, शोहरत, नाम, बैंक बैलेंस, डिग्रियां है या आपकी कितनी सुंदरता है| बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि आप इस
जयपुर। पूर्व सीएम अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पहली बार एक साथ नजर आए। मौका था राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शपथ ग्रहण समारोह का।
हल्की-हल्की ठंडक, धूप में हल्की गर्माहट, दोपहर के तीन बजे धूप का ढल जाना और शाम साढ़े छे बजे रात हो जाना। सब्जियों के ठेले पर मटर और साग का
हल्की-हल्की ठंडक, धूप में हल्की गर्माहट, दोपहर के तीन बजे धूप का ढल जाना और शाम साढ़े छे बजे रात हो जाना। सब्जियों के ठेले पर मटर और साग का