Monday 29th of April 2024 08:48:24 AM

Breaking News
  • मुम्बई पुलिस ने अभिनेता साहिल खान को छत्तीसगढ़ से किया गिरफ्तार |
  • बीजेपी संविधान में बदलाव करने के लिए चाहती है 400 से अधिक सीटे |
  • अलास्का की छोटी पर चढ़ाई करते वक़्त गिरे पर्वतारोही , शव बरामद | 
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 15 Mar 2024 6:44 PM |   97 views

गड़ेर में मखाना की हुई रोपाई, मखाना उत्पादक क्षेत्र बना देवरिया

देवरिया- 15 मार्च का दिन जनपद के लिए अविस्मरणीय रहा। आज जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह की पहल पर एक नई शुरूआत हुई। गड़ेर स्थित संकर्षण शाही के मत्स्यपालन केंद्र में मखाना के पौधे की रोपाई हुई। इसके साथ ही देवरिया मखाना की खेती करने वाले क्षेत्रों के राष्ट्रीय फलक में शुमार हो गया।
 
इस अवसर पर जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने कहा कि गड़ेर में मखाना की रोपाई के साथ ही नए अध्याय की शुरुआत हुई है। जनपद मखाना की खेती करने वाले क्षेत्रों के राष्ट्रीय मानचित्र पर आ गया है। यह जनपद की आर्थिक तरक्की का आधार बनेगा। जनपद की भौगोलिक प्रोफइल में लगभग 30 हजार हेक्टेयर भूमि लो-लैंड एवं जलमग्न क्षेत्र चिन्हित है। इन क्षेत्रों के लिए मखाना की खेती वरदान सरीखी सिद्ध होगी। देवरिया की जलवायु में मिथिला जैसी उत्पादकता देने का सामर्थ्य है।
 
जिलाधिकारी ने बताया कि आज मखाना के जिस पौध की रोपाई हुई है वह स्वर्ण वैदेही प्रजाति की है, जिसे काला हीरा नाम से भी जाना जाता है।  उन्होंने किसानों से व्यापक पैमाने पर मखाना की खेती प्रारंभ करने का अनुरोध किया। 
 
सीडीओ प्रत्यूष पांडेय ने जनपद में हो रहे अभिनव प्रयोग पर प्रसन्नता व्यक्त की और मखानाकल्चर करने वाले मत्स्य पालकों को हर संभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि इस नयी शुरुआत से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी।
 
मत्स्य विभाग के सेवानिवृत्त सहायक निदेशक एवं मखाना खेती के विशेषज्ञ डॉ डीएन पांडेय ने बताया कि गत नवंबर में तरकुलवा ब्लॉक के हरैया में प्रगतिशील मत्स्यपालक गंगा शरण श्रीवास्तव के मत्स्य पालन केंद्र पर मखाना की नर्सरी स्थापित की गई थी। नर्सरी में पौध तैयार होने के बाद उसकी रोपाई संपन्न हुई है। मखाना के दो पौधों के मध्य दो मीटर की दूरी होनी चाहिए, क्योंकि इसके पत्ते का आकार लगभग एक मीटर तक होता है। मई माह के उत्तरार्ध में इसके फूल आ जाएंगे और सितंबर तक फसल तैयार हो जाएगी।
 
उन्होंने बताया कि मखाना को तालाब में मछली के साथ उगाया जा सकता है। इसके साथ देशी मांगुर प्रजाति की मछली का उत्पादन संभव है, जिसका बाज़ार मूल्य अच्छा खासा है। उन्होंने बताया कि तालाब के अतिरिक्त सामान्य खेत में भी मखाना का उत्पादन संभव है।
 
प्रभारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य विभाग रितेश शाही ने बताया कि प्रथम चरण में जनपद के आठ मत्स्यपालकों को चिन्हित किया गया है, जिनके लगभग डेढ़ हेक्टेयर जलक्षेत्र में मखाना की खेती प्रारंभ की जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को दोहरा लाभ मिलेगा और मछली के साथ-साथ मखाना का मूल्य भी मिलेगा।
 
प्रगतिशील मत्स्यपालक संकर्षण शाही ने बताया कि आज उनके लगभग आधा एकड़ आकार के तालाब में मखाना की रोपाई की गई है। यदि फसल अच्छी प्राप्त होगी तो अगले सीजन में व्यापक पैमाने पर मखाना की खेती करेंगे। 
 
इस अवसर पर जिला उद्यान अधिकारी राम सिंह यादव, मत्स्य निरीक्षक वेंकटेश त्रिपाठी, प्रगतिशील मत्स्यपालक विनय गुप्ता, विक्की गुप्ता, प्रगतिशील किसान कमलेश मिश्रा सहित बड़ी संख्या में मत्स्यपालक एवं किसान मौजूद थे।
Facebook Comments