मिर्जापुर:– कछवा खीचड़ी पर्व के मौके पर नगर में पंतगबाजी का खुमार जोरों पर, पतंग की दुकानों पर चाइनीस मांझे की बिक्री के साथ पतंग की बिक्री हो रही है। पतंग की दुकानों पर सुबह से ही पतंग बाजी के शौकीन अपने मनपसंद की पतंगे लेते हुए भारी संख्या में दिखाई दिए मालूम हो कि खिचड़ी पर्व पर नगर के साथ गांवों में पतंगबाजी करते बच्चे देखें जा रहा है ।
14 जनवरी खिचड़ी पर्व के दिन काफी पतंगे उड़ती हैं और आकाश में पतंगे ही पतंग दिखाई देते हैं। पंतगबाजी का दौर शुरू होते ही चाइनीज मांझे पर भी बहस शुरू हो जाती है। इन दिनों चाइनीज मांझे से होने वाली मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। वैसे इस मांझे पर बैन भी लगाया गया है, लेकिन अभी भी मार्केट में आने से इससे होने वाली दुर्घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। ऐसे में सवाल है कि आखिर ये चाइनीज मांझा होता क्या है और क्यों इसे खतरनाक मांझा माना जाता है।
अक्सर लोगों का मानना होता है कि चाइनीज मांझा चीन से आता है, इसलिए इसे बैन कर दिया जाता है| लेकिन, ऐसा नहीं है। चाइनीज मांझे को बैन कारण कुछ और है। तो ऐसे में जानते हैं कि चाइनीज मांझे को बैन करना का कारण क्या है और इसे किस तरह से बनाया जाता है, जिस वजह से इसे काफी खतरनाक माना जाता है। क्यों माना जाता है खतरनाक? चाइनीज मांझा सामान्य मांझे की तुलना में काफी धारदार होता है| धारदार होने के साथ ही यह इलेक्ट्रिक कंडक्टर होता है, जिस वजह से इसे और भी ज्यादा खतरनाक माना जाता है।
दरअसल, इलेक्ट्रिक कंडक्टर होने की वजह से चाइनीज मांझे में करंट आने का खतरा रहता है. इसके अलावा ये मांझा आसानी से नहीं टूटता है और कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें देखा गया है कि टू-व्हीलर चालकों के गले में यह फंस जाने से कई बार चालक की मौत भी हो जाती है|
कई पक्षी भी इससे कट जाते ऐसा ही एक मामला मोहल्ला शंकरपुर में एक छोटे से बच्चों के साथ घटित हुआ फैजान पुत्र मनीउल्लाह उम्र लगभग 10 वर्ष मोहल्ला शंकरपुर 14 जनवरी यानी खीचड़ी पर्व के दिन कटी पतंग के चाइनीस मंझे गले के पास से गुजरने के कारण कट गया परिजनों ने तत्काल फैज को निजी चिकित्सा के पास ले जाकर उपचार कराया गालीमत की बात रही की बालक को ज्यादा चोट नहीं आया नहीं तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था लेकिन प्रशासन द्वारा इस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है धड़ले से चाइनीस मंझे बाजारों में बिक रहे हैं ।