भोजपुरी भाषा पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया
देवरिया -आज भोजपुरी पुनर्जागरण मंच देवरिया के तत्वाधान में विचार संगोष्ठी का आयोजन स्काई लाइन पब्लिक स्कूल उमा नगर देवरिया में किया गया।
संगोष्ठी का विषय था – “भोजपुरी क्षेत्र के संस्कृति क पुनर्जागरण | जिसकी अध्यक्षता प्रेम शंकर श्रीवास्तव ने किया
मंच संचालन साहित्यकार कवि सौदागर सिंह ने किया मुख्य वक्ता वशिष्ठ द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि भोजपुरी क्षेत्र भारत के विशाल भूखंड का प्रतिनिधित्व करता है जिसकी मातृभाषा
भोजपुरी है | कुछ लोग इसको बोली कहकर अपमानित करने पर तुले हैं। इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए।
भोजपुरी संस्कृति को समझने के लिए सदाशिव के अवदान को अनदेखी नहीं किया जा सकता | सदाशिव की राजधानी काशी भोजपुरी क्षेत्र का प्राण है | शिव ने मानव समाज के कल्याण के लिए तंत्र, नृत्य, सूरसप्तक, वैद्यक जैसे कल्याणकारी विधाओं का प्रतिपादन किया।
काशी भोजपुरी क्षेत्र की संस्कृति का केंद्र ही नहीं संपूर्ण भारत का सांस्कृति का केंद्र है | भोजपुरी संस्कृति लेनदेन की संस्कृति है जो भी आया उसको अपनाया और दिया यह सांस्कृतिक सामाजिक सद्भाव सेवा त्याग और सामाजिक सहार्द की संस्कृति है। यहां सब लोग मिलजुलकर काम करते हैं।
किसी प्रकार का भेद बुद्धि नहीं है। इस महान सांस्कृति को भोजपुरी क्षेत्र के ही लोग भूल रहे हैं यह दुखद और घातक भी है। अपनी समृद्ध और गौरवशाली संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। इस संगोष्ठी को कैप्टन वीरेंद्र सिंह, रमेश तिवारी, नरसिंह, वीरेंद्र कुमार सिंह, कुमार बृजेश, डॉक्टर अनिल तिवारी, ने संबोधित किया।
इस गोष्ठी में व्यास मुनि पाण्डेय, शांति स्वरूप दुबे, जय राम गुप्ता, जयकिशन कुशवाहा, रतनेश उपध्याय, अनुराग पाण्डेय, विकास तिवारी विनोद शाही कृष्णमोहन सिंह, रामविशवास, नरसिंह आदि लोग उपस्थित रहें |