योग के आधार पर हमारी पहचान विश्व के देशो में अग्रणी – हरीश
सलेमपुर -राजकीय महिला महाविद्यालय सलेमपुर, देवरिया में राष्ट्रीय सेवा योजना के अवंतिका इकाई के सप्तदिवसीय विशेष शिविर के अन्तगर्त छटवें दिन सर्वप्रथम छात्राओं के द्वारा रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें महाविद्यालय की स्वयंसेविकाओं ने भाग लिया।
जिसमें वर्तमान थीम पर रंगोली बनाया गया। जिसमें निर्णनायक मण्डल के द्वारा प्रथम पुरस्कार कु०संजना, कु० अंतिमा ,कुo पूजा और खुशबु को दिया गया |
द्वितीय पुरस्कार पूजा, नेहा चौहान ,प्रिया सिंह और प्रियंका कुमारी रही। तृतीय पुरस्कार कुमारी कशिश मिश्र,श्री चतुर्वेदी, कु० सुधा, कु० सोनी . कु० श्वेता कु० ज्योति और सिंधु रही।
इसके बाद बौद्धिक सत्र आयोजित किया गया जिसके मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० हरीश कुमार रहे। प्राचार्य ने कहा कि योग जीवन का महत्वपूर्ण अंग है योग इस माध्यम है जिसके द्वारा शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ा जाता है सबसे पहले योग शब्द को उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है| इसके बाद अनेक उपनिषदों में उल्लेख मिलता है।
योग के हजारो लाभ है योग के आठ नियम है और इन नियमों का पालन किया जाये तो शरीर वर्तमान समय के चुनौतियों को जल्दी स्वीकार करने के लिए तैयार हो जायेगा।
प्राणयाम के द्वारा हम अपने मन और मष्तिस्क को संतुलित कर सकते है। छात्राओं को कुछ प्राणयाम के बारीकिया भी बतायी गई। अगर प्राणयाम लगातार किया जाये तो हम अपने श्वास को नियंत्रित कर सकते है योग का मुख्य आधार ध्यान कार्यक्रम अधिकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारे ऋषियों ने योग के रूप में एक ऐसी चीज प्रदान की है |
जिसके द्वारा हम गृहस्थ मे रह कर भी नियमों के अनुसार पालन करते हुए अपने लक्ष्य के प्राप्त कर सकते है। योग बुद्धि के संशोधनो का निशेध है योग मे तीन प्रकार के प्रमुख है कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग है। योग के आधार पर हमारी पहचान विश्व के देशो में अग्रणी है।
स्वयंसेविकाओ के द्वारा योग के कुछ आसन कराये गये।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।