राष्ट्रीय बालिका दिवस
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समाज में बालिकाओं के सशक्तिकरण एवं उनके सामने आने वाली असमानताओं को दूर करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत की पहली व अंतिम महिला प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी 24 जनवरी सन 1966 को पहली बार बतौर प्रधानमंत्री कार्यभार संभाला था। यह तिथि भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखे जाने व भारतवासियों के लिए गर्व की बात है।
इसके पश्चात् संयुक्त राष्ट्र संघ ने 11 अक्टूबर 2012 को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया था |बालिका दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नारी शक्ति की अभिवृद्धि को बढ़ावा देना है और बालिकाओं के जीवन को विकसित करना है | राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाये जाने का उद्देश्य समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है ,साथ ही देश भर की बालिकाओं के अधिकारों को संरक्षित करना है |
राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर हम इस बात को महसूस कर रहे हैं कि हमारी बेटियों हर वेष में
देश का नाम रोशन कर रही है |बेटियाँ किसी भी मामले में लड़कों से कम नही हैं |
आज हमारी बेटियाँ शिक्षा , चिकित्सा , अन्तरिक्ष ,खेलकूद आदि क्षेत्रों में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे रहीं हैं |भारतीय वायुसेना , की पहली तीन फाइटर पायलट भावना कंठ ,अवनि चतुर्वेदी और मोहना सिंह , अन्तरिक्ष में जाने वाली कल्पना चावला का योगदान प्रशंसनीय व वन्दनीय है |
वर्ष 2008में राष्ट्रीय कैडेट कोर ( N C C ) की गणतंत्र दिवस की टीम का रही | दिशा अमृत इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में नौ सेना के 144 युवा नाविकों का नेतृत्व कर नारी नेतृत्व व नारी सशक्तिकरण का नजीर पेश करेंगी |
सौरभ शुक्ल के शब्दों में –
” संगीत सी मधुर तान हैं बेटियाँ
घर का गौरव और सम्मान हैं बेटियाँ
पिता और परिवार की शान हैं बेटियाँ
इसलिए तो सबसे महान हैं बेटियाँ
- मनोज ” मैथिल