माघ गुप्त नवरात्रि
आज से गुप्त नव रात्रि आरंभ हो रही है, जो 11 फरवरी शुक्रवार को विजयादशमी के साथ संपन्न होगी। आज गुप्त नवरात्रि के प्रथम दिन पूर्वाह्न 11:34 से मध्याह्न 12:27 तक अभिजित मुहूर्त में कलशस्थपना पूर्वक माता महाकाली की आवाहन पूजन जप पाठ हवन करना सबके लिए लाभकारी होगा।
साथ ही क्रमश दश दिनों तक शक्ति के दश रूपों की पूजन अर्चना और साधना की जाएगी। शाक्त भक्तों के अनुसार “दस रूपों में समाहित एक सत्य की व्याख्या है – महाविद्या” जिससे जगदम्बा के दस लौकिक व्यक्तित्वों की व्याख्या होती है। महाविद्याएँ तान्त्रिक प्रकृति की मानी जाती हैं जिनकी साधना एवं पूजन आराधना इस नवरात्र में दश दिनों तक निम्नवत हैं-
प्रतिपदा को काली, द्वितीया को तारा (देवी), तृतीया को छिन्नमस्ता, चतुर्थी को षोडशी, पंचमी को भुवनेश्वरी (महासरस्वती), षष्ठी को त्रिपुरभैरवी , सप्तमी को धूमावती , अष्टमी को बगलामुखी, नवमी को मातंगी , दशमी को कमला (कमलात्मिका) की क्रमशः पूजन अर्चना एवं मंत्र साधना की जाएगी।
शाक्त दर्शन के अनुसार दस दिनों में दश महाविद्याओं को भगवान विष्णु के दस अवतारों से सम्बद्ध करता है और यह व्याख्या करता है कि महाविद्याएँ वे स्रोत हैं जिनसे भगवान विष्णु के दस अवतार उत्पन्न हुए थे।
महाविद्याओं के ये दसों रूप चाहे वे भयानक हों अथवा सौम्य, जगज्जननी के रूप में पूजे जाते हैं।माता जगदम्बा सभी भक्तों के सम्पूर्ण मनोकामना पूर्ण करें।
ज्योतिषाचार्य, पंडित भरत भूषण
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