शिक्षक दिवस
भगवान से भी अधिक है स्थान गुरु का
माता- पिता से अधिक है सम्मान गुरु का
अंधकार से निकाल कर जो रोशनी दिया
सूरज- चांद से भी अधिक है पहचान गुरु काकुम्हार जैसे कच्चे घड़े को आकार देता है
वैसे शिष्य को वह ज्ञान का भंडार देता है
अपने पथ से कभी कोई भी विचलित न हो सके
धन्य है वहीं जिसको पड़ी है डाट गुरु का
माता- पिता से अधिक है सम्मान गुरु का
अंधकार से निकाल कर जो रोशनी दिया
सूरज- चांद से भी अधिक है पहचान गुरु काकुम्हार जैसे कच्चे घड़े को आकार देता है
वैसे शिष्य को वह ज्ञान का भंडार देता है
अपने पथ से कभी कोई भी विचलित न हो सके
धन्य है वहीं जिसको पड़ी है डाट गुरु का
सेवा,समर्पण और त्याग से मानव बना दिया
अवगुण निकाल, सद्गुणी हमें बना दिया
अपने गुरुजनों को करते हैं हम कोटिश: नमन
शिक्षक दिवस मान, स्वाभिमान-शान गुरु का
भगवान से भी अधिक है स्थान गुरु का,
माता- पिता से अधिक है सम्मान गुरु का
माता- पिता से अधिक है सम्मान गुरु का
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