श्रद्धा सुमन हम चढ़ाएं
गेंदा, गुलाब, जूही,
चंपा- चमेली
परिजात, रातरानी,
रजनी – सुबेली
बनाकर माला महामानव को पहिनाएं,
श्रद्धा सुमन हम चढ़ाएं
अपमान का जहर पीके,
अमृत दिया हमको
जीवन में बदलाव
स्वाभिमान मिला सबको
अंधकार मिटा रोशनी फैलाए
श्रद्धा सुमन हम चढ़ाएं
समता मूलक समाज की
स्थापना हो जाए
फिर से छूआ- छूत
इस धरा पर न आए
ऐसा संविधान देश का बनाए
श्रद्धा सुमन हम चढ़ाएं
बेटा और बेटियों में,
भेद नहीं करना
चलो सीना तान कर
अन्याय नहीं सहना
“नरेश” घर- घर दीप शिक्षा का जलाएं
श्रद्धा सुमन हम चढ़ाएं
भारत रत्न बाबा साहब
डॉ.आंबेडकर
दुनिया में नाम
ज्ञानवान सबसे बढ़कर
कोटि- कोटि नमन शीश हम झुकाएं
श्रद्धा सुमन हम चढ़ाएं
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