पांच दिवसीय मधुमक्खी पालन पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया

कार्यक्रम के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए केंद्र के अध्यक्ष डॉक्टर मांधाता सिंह ने युवाओ को मधुमकखी पालन को रोजगार का साधन बनाए।


केन्द्र के सस्य विज्ञान विशेषज्ञ डॉक्टर मीना ने मधुमक्खियों का फसलों, फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में परागण के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन से पर परागित फसलों में २५ से ३० प्रतिशत तक उत्पादन बढ़ जाता है।
प्रक्षेत्र प्रबंधक अजय तिवारी ने प्रशिक्षुओं को केंद्र के प्रक्षेत्र का भ्रमण कराया तथा मधुमक्खिओ के लिए उपलब्ध भोंजन स्रोत के पौधों के बारे में चर्चा की।
इस पशिक्षण कार्यक्रम में रवि भूषण मिश्र, अनुपम यादव, तारकेश्वर नाथ गुप्ता, पवन शुक्ला अमित कुमार, तुलसी देवी, इस्रावती सहित जनपद के पांच विकास खंडों से तीस युवाओं ने सहभागिता की। प्रशिक्षण के उपरांत सभी प्रशिक्षुओ को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शरद राय, अनूप सिंह, मनजीत ने अपना योगदान किया। अंत में डॉ रजनीश श्रीवास्तव ने सभी प्रशिक्षकों प्रशिक्षकों तथा सहयोगियों को धन्यवाद दिया।
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