पांच दिवसीय मधुमक्खी पालन पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया
भाटपाररानी -कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आर्या परियोजना के अंतर्गत जनपद के युवाओं के लिए रोजगार सृजन हेतु पांच दिवसीय मधुमक्खी पालन पर प्रशिक्षण 12 से 16 फरवरी तक आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए केंद्र के अध्यक्ष डॉक्टर मांधाता सिंह ने युवाओ को मधुमकखी पालन को रोजगार का साधन बनाए।
उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन से न केवल शहर या अन्य उत्पाद मिलते हैं बाल कि हमारे फसलों के परागण का कार्य भी किया जाता है जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होती है। साथ ही उन्होंने शहद के पोषकीय एवम औषधीय गुणों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि आर्या परियोजना के अन्तर्गत पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण में आए हुए युवकों एवं यूवतियों को मधुमक्खी पालन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षुओं को मधुमक्खी पालन की तकनीक का सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त कराया गया। प्रशिक्षण के दौरान मधुमक्खी के प्रजातियों, उनके जीवनचक्र,मौन बक्सों के रखरखाव, मधुमक्खियां की देखरेख तथा शहद उत्पादन के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
केन्द्र के सस्य विज्ञान विशेषज्ञ डॉक्टर मीना ने मधुमक्खियों का फसलों, फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में परागण के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन से पर परागित फसलों में २५ से ३० प्रतिशत तक उत्पादन बढ़ जाता है।
प्रक्षेत्र प्रबंधक अजय तिवारी ने प्रशिक्षुओं को केंद्र के प्रक्षेत्र का भ्रमण कराया तथा मधुमक्खिओ के लिए उपलब्ध भोंजन स्रोत के पौधों के बारे में चर्चा की।
इस पशिक्षण कार्यक्रम में रवि भूषण मिश्र, अनुपम यादव, तारकेश्वर नाथ गुप्ता, पवन शुक्ला अमित कुमार, तुलसी देवी, इस्रावती सहित जनपद के पांच विकास खंडों से तीस युवाओं ने सहभागिता की। प्रशिक्षण के उपरांत सभी प्रशिक्षुओ को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शरद राय, अनूप सिंह, मनजीत ने अपना योगदान किया। अंत में डॉ रजनीश श्रीवास्तव ने सभी प्रशिक्षकों प्रशिक्षकों तथा सहयोगियों को धन्यवाद दिया।
Facebook Comments