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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 4 Oct 2024 5:41 PM |   330 views

साइबर अपराधों पर सचेत पुलिस,लोगों को बचाने के साथ करेगी प्रभावी कार्यवाही

गोण्डा- जनपद में तेजी से बढ़ रहे और पुलिस के लिये एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहे साईबर अपराधों पर लगाम लगाने व इसमें शामिल अपराधियों को को सींखचों में पहुँचाने के लिये जिले की पुलिस युद्ध स्तर पर प्रयासरत है । इसी के साथ किसी भी प्रकार के साइबर अपराधों को क्रैक करने व इसमें शामिल अपराधियों को सींखचों के पीछे पहुँचाने के लिये पुलिस नये – नये तकनीकों से भी  लैस हो रही है। जिससे जनपद के लोगों को किसी भी तरह के साइबर अपराध से बचाने में वह उनकी एक बड़ी मददगार साबित हो सके।
 
इसी के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल व साइबर के नोडल एएसपी राधेश्याम राय के दिशा-निर्देशन में पुलिस एक व्यापक जागरुकता अभियान भी चलाने वाली है। जिसके संबंध में जनपद के व्यापारियों,अधिवक्ताओं पत्रकारों व उनके संगठनो व स्टेक होल्डरों के साथ एक बैठक कर साइबर अपराधों से जनपद को सुरक्षित बनाने की अपनी योजनाओं से उन्हें अवगत करायेगी। जिससे जमीनी स्तर पर साइबर अपराधों से बचाव व पुलिस को उस पर प्रभावी कार्यवाही में मदद मिल सके। 
 
फ्राॅड करने के तरीके-
जिले के साइबर सेल में तैनात साइबर जानकर आरक्षी हरीओम टण्डन के मुताबिक मुख्यत: दो तरीके के साइबर अपराध होते हैं।जिनमें फाईनेंशियल फ्राॅड व शोसल फ्राॅड होता है। इसी में, एटीएम फ्राॅड, डेविट/क्रेडिट फ्राॅड, बैंकिंग फोन काॅल फ्राड,पाॅलिसी/चिटफण्ड/लाॅटरी व जाॅब संबंधी फ्राॅड,लोन फ्राॅड,ओएलएक्स व अन्य सामान खरीदने बेचने संबंधित फ्राॅड,डिजिटल कैरेंसी निवेश फ्राॅड,सेक्सटार्शन/न्युड वीडियो काॅल/हनीट्रैप फ्राॅड, डिजिटल आरेस्टिंग,बायोमेट्रिक साइबर फ्राॅड, यूपीआई फ्राॅड,शोसल मीडिया फ्राॅड,ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिये फ्राॅड (जिसके शिकार ज्यादातर बच्चे व किशोर होते हैं) जैसे अपराध आते हैं। उन्होंने बताया कि,उच्चाधिकारियों व विशेषज्ञों के निर्देशन में वे सफलतापूर्वक अपना कार्य कर रहे हैं।
 
गत एक वर्ष में जनपद में  साइबर अपराध के मामले व रिकवरी 
 
गत एक वर्ष में जनपद में लगभग  1125 साइबर फ्राॅड के मामलों में पुलिस को शिकायतें प्राप्त हुई हैं।जिनमें लगभग 850 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है।इसी के साथ लगभग 30 लाख रुपये की रिकवरी पीड़ितों को कराई जा चुकी है तथा 1.25 करोड़ रुपए की राशि विभिन्न बैंकों में होल्ड कराई गई है।जो कि,पीड़ितों के खाते में वापस कराने की प्रक्रिया में है।
 
नई साइबर चुनौतियाँ,और तैयारी-
 
इस समय ए.आई ,शोसल मीडिया क्राइम ,डाटा सिक्योरिटीज व ऑनलाइन गेमिंग जैसी साइबर चुनौतियाँ पुलिस के लिये काफी चुनौतीपूर्ण  है। जिसका सबसे बड़ा कारण है कि,लोग आधुनिक तकनीक का फायदा तो जानते हैं,लेकिन उसके नुकसान के बारे में अनभिज्ञ हैं।जिसके कारण वे आसानी से साइबर अपराधों का शिकार बन जाते हैं।जनपद की पुलिस इन चुनौतियों से निपटने की पुख्ता तैयारी कर चुकी है।
 
साइबर फ्राॅड रोकने के साथ लोगों को कर रहे जागरूक-एएसपी
 
इस संबंध में जब अपर पुलिस अधीक्षक व जनपद में साइबर के नोडल राधेश्याम राय से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि,जनपद में 18 थानो में साइबर हेल्पडेस्क बनाया गया है । जो कि,सभी प्रकार की साइबर चुनौतियों से निपटने व इससे लोगों को बचाने के साथ साइबर अपराधों को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।इसी के साथ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में शहर से लेकर गाँव तक प्रत्येक गुरूवार को जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिसके तहत सबको साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 के बारे में जानकारी देने के साथ किस प्रकार साइबर फ्राॅड से बचाव करें उन्हें इसकी जानकारी भी दी जा रही है।
 
उन्होंने बताया कि,इसका  सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहा है। अब लोग समय रहते इस तरह की किसी भी घटना की शिकायत दर्ज कराने के लिये आगे आ रहे हैं।जिससे निस्तारण के साथ साइबर फ्राॅड की घटनाओं के रोकने में भी मदद मिल रही है।
 
साइबर अपराधों को पस्त करने मे जिले की पुलिसिंग बना रहे चुस्त – एस.पी.
इस संबंध में जिले के तेज-तर्रार पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल का कहना है कि, वर्तमान में बढ़ता हुआ साइबर अपराध पुलिस के लिए एक चुनौती है। जिससे निपटने के लिए जिले की पुलिस पूरी तरह से चुस्त व तैयार है। इस क्रम में  जनपद में साइबर सेल के साथ साइबर थाना स्थापित किया गया है, जिसमें निरीक्षक स्तर के प्रभारी के साथ पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित कर्मी नियुक्त किये गए हैं। त्वरित कार्यवाही के लिये जिले के प्रत्येक थाने पर प्रशिक्षित कंर्मी के साथ साइबर हेल्प डेस्क भी क्रियाशील है। उन्होंने बताया कि,समय- समय पर स्कूल, कालेज व सार्वजनिक स्थानों पर साइबर जागरूकता शिविर व कार्यक्रम का आयोजन कर आमजनमानस को जागरूक भी किया जा रहा है। जिससे जनपद में साइबर अपराधों पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाया जा सके।
 
साइबर अपराध रोकने की दिशा गंभीर है सरकार
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर गृहमंत्रालय ने भविष्य के साइबर खतरे से निपटने के लिये  2015 में राजधानी दिल्ली में  भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की स्थापना कर दी गई थी।जिसका उद्देश्य साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के लिए एक ढांचा और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना जिससे वे अच्छे और प्रभावी तरीके से कार्य करते हुये किसी भी तरह के साईबर अपराधों को रोक सकें।
 
इसी के साथ गृहमंत्री अमित शाह ने 10 सितंबर 2024 को आई 4 सी में चार प्रमुख साइबर प्लेटफॉर्म- सस्पेक्ट रजिस्ट्री, साइबर कमांडो,साइबर फ़्रॉड मिटिगेशन सेंटर(सीएफएमसी) की स्थापना की है। और समन्वय प्लेटफॉर्म की शुरुआत की।
 
इसका मकसद साइबर फ़्रॉड को रोकने के लिए तेज़ कार्रवाई करना है। इसके लिए, बैंकों, लॉ इनफ़ोर्समेंट एजेंसियों, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर, और केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधियों को एक साथ लाया जाएगा।
 
–रिपोर्ट मनोज 
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