भूटान में संपन्न हुआ 10 वाँ अंतर्राष्ट्रीय सोशल मीडिया मैत्री सम्मेलन
भूटान – यहां हम सब साथ-साथ एवं हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के संयुक्त बैनर तले दसवें अंतर्राष्ट्रीय मैत्री सम्मेलन एवं सांस्कृतिक यात्रा का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत भ्रमण के साथ-साथ साहित्यिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम, योग प्रदर्शन, चित्र/कार्टून प्रदर्शनी एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन भूटान के विभिन्न शहरों में पूरे एक सप्ताह तक आयोजित किया गया।
भारत के भिन्न-भिन्न राज्यों से पधारे तथा भूटान के स्थानीय साहित्यकारों एवं कलाकारों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से कार्यक्रम में चार चांद लगाए । उक्त संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से चयनित विभिन्न भारतीय व भूटानी कलाकारों आदि को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए शॉल, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह व अनेक उपहार भेंट कर विधिवत सम्मानित भी किया गया।
इस भव्य कार्यक्रम में लखनऊ की संस्था सुर ताल संगम की राष्ट्रीय अध्यक्ष जया श्रीवास्तव के नेतृत्व में अनेक कलाकारों ने अपनी सुंदर प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया।
अंत में हम सब साथ-साथ’ पत्रिका के कार्यकारी संपादक और वरिष्ठ कलमकार व कलाकार किशोर श्रीवास्तव तथा ‘हिंदुस्तानी भाषा अकादमी’ के अध्यक्ष सुधाकर पाठक द्वारा सभी साहित्यकारों, कलाकारों और हिंदी सेवियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए उनके आगमन के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
गौरतलब है कि ‘हिंदी भाषा और साहित्य-कला के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से उपर्युक्त संस्थाओं द्वारा भारत के भिन्न-भिन्न शहरों और नेपाल में इससे पूर्व में भी ऐसे आयोजन किये जाते रहे हैं ।
उक्त दोनों संस्थाओं के आयोजकों व भूटान की प्रतिभाओं द्वारा इस बार हिंदी पखवाड़े के अवसर पर भूटान में इस भव्य आयोजन को करने का निर्णय लिया गया और इस अवसर पर हिंदुस्तान के प्रतिभागियों के अलावा भूटान के स्थानीय कलाकारों सहित सैकड़ों गणमान्य लोगों ने उपस्थित होकर इसे सफल बनाया ।
इस समूचे आयोजन में डॉ. जय सिंह आर्य, सुरेन्द्र सिंह राजपूत ‘हमसफ़र’, योगेश अग्रवाल, राम चंद्र मोटवानी, सत्य कुमार ‘प्रेमी’, साहित्य कुमार ‘चंचल’, विनोद पाराशर, अंजू मोटवानी, राम सिंह मेहता, कोमल प्रसाद राठौर, डॉ. भावना तिवारी, आशा शर्मा, रेनू चौहान, सुनीता अग्रवाल, तूलिका सेठ, शशि किरन, रीता सिंह ‘सर्जना’, रीता ‘जयहिन्द’ एवं शालिनी सक्सेना आदि सहित भूटान की तारा डेमा, उमा खडाल, सोनम चोदेन एवम् गीता माया फुएल आदि कलाकारों आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।
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