मातृभाषा हमारी संस्कृति है- वीरेन्द्र सिंह
देवरिया – श्री कृष्ण महिला महाविद्यालय रुद्रपुर में भोजपुरी पुनर्जागरण मंच के तत्वावधान मे एक संगोष्ठी आयोजित किया गया।।
जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ मृदुला मिश्रा ने किया। संगोष्ठी का विषय था,भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करना। भोजपुरी साहित्य और कला में अश्लीलता को समाप्त करने के लिए उपाय। मंच का संचालन तुषार कान्त पाठक ने किया।
नरसिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मातृभाषा भोजपुरी को सम्मान दिलाने के लिए हम सभी लोगों को आगे आना होगा। भोजपुरी हमारी मातृभाषा है,इसको आदर करना, समृद्ध करना तथा संवैधानिक दर्जा दिलाना हम सब लोगों का उत्तरदायित्व है।
वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मातृभाषा हमारी संस्कृति है,पहचान है, अस्मिता है। आज भोजपुरी में परोसे जाने वाले अश्लील वीडियो, गाने हमारी संस्कृति और पहचान को बदनाम कर रहे हैं।
कै. वीरेंद्र सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि रुद्रपुर की माटी एक से बढ़कर एक प्रतिभाओं को पैदा किया। लेकिन वे लोग कभी भी अपनी मातृभाषा को अनादर नहीं किये। उनसे हम लोगों को सीखना चाहिए।
रमेश तिवारी जी ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया भर की भाषा सीखिए, जानिये परन्तु अपनी मातृभाषा को मत भूलिए। कविता के माध्यम से संदेश दिया कि माई हमार महारानी हई।दुसरी कविता झण्डा फहर- फहर फहराईं को सुनाए ।
अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ मृदुला मिश्रा ने कहा कि मातृभाषा हमारी बुनियाद होती है,जिसपर जीवन में खूबसूरत महल बनाया जा सकता है।सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम में प्रवक्ता आशा यादव,विमला निषाद, प्रतिभा, ऋषिकेश यादव,, धर्मेंद्र कुमार सिंह, अरविंद मदेशिया,सुधा सिंह, मेघना निगम, कंचन गौड़, राजीव दूबे, दीपक,भीम सिंह, प्रीति नायक, जितेन्द्र तिवारी, रौशनी सिंह सहित महाविद्यालय के बी एड,बी टी सी,बी एस सी की छात्राओ ने भाग लिया।
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