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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 9 Sep 2023 6:16 PM |   74 views

जयशंकर बोले- मजबूत टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर जोर

विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहा कि दूसरे सत्र की शुरुआत में शिखर सम्मेलन ने जी-20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा को अपनाया है। उन्होंने कहा कि आज नेता जिस घोषणा पर सहमत हुए हैं, वह मजबूत टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि यह एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाने का प्रयास करता है और तदनुसार एक कार्य योजना लेकर आया है।

यह एक स्थायी भविष्य के लिए हरित विकास समझौते की परिकल्पना करता है, यह स्थायी विकास के लिए जीवनशैली पर उच्च स्तरीय सिद्धांतों, हाइड्रोजन के स्वैच्छिक सिद्धांतों, एक टिकाऊ लचीली नीली अर्थव्यवस्था के लिए चेन्नई सिद्धांतों और खाद्य सुरक्षा और पोषण पर डेक्कन सिद्धांतों का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि जी20 की हमारी अध्यक्षता का संदेश है कि हम एक पृथ्वी हैं, एक कुटुम्ब हैं, हम एक भविष्य साझा करते हैं। 

वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैठक में वैश्विक समस्याओं के निराकरण पर पूरी तरीके से जोर रहा। बहूपक्षवाद को पुनर्जीवित करने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वैश्विक समस्याओं के निराकरण पर जोर रहा है। भारत की अध्यक्षता में कई समस्याओं का समाधान मिला है। हमारी पूरी पूरी फोकस यह रही है कि कोई भी देश पीछे ना रहे। 21वीं सदी के वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा हुई है।

सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौते पर मुहर लगी है। इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने बताया कि मजबूत, टिकाऊ, समावेशी विकास पर मुहर लगी है। उन्होंने कहा कि हमने भू-राजनीतिक तनाव के एक चुनौतीपूर्ण समय में राष्ट्रपति पद ग्रहण किया। 

निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारतीय जी-20 प्रेसीडेंसी ने बात पर अमल किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने ऐसे समाधान तैयार किए हैं जो प्रत्येक जी20 सदस्य को पसंद आते हैं। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन के कई नतीजे उन उद्देश्यों को प्रतिबिंबित करेंगे जिनके साथ भारत ने बातचीत शुरू की थी।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “हम बहुत स्पष्ट हैं कि हमारे लक्ष्य में कोई भी पीछे नहीं रहेगा।” जयशंकर ने कहा कि ग्लोबल साउथ की आवाज को व्यक्त करने के लिए 125 देशों से परामर्श किया गया। जी20 असाधारण, सामाजिक भागीदारी और हमारी संस्कृति को प्रदर्शित करने का मौका है। इसने भारत को विश्व के लिए तैयार किया। घोषणा मजबूत टिकाऊ संतुलन पर केंद्रित है, इसमें हरित विकास समझौते की परिकल्पना की गई है।

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