आकाशीय बिजली एवं सर्पदंश से बचाव के दृष्टिगत जनसामान्य हेतु जारी किये आवश्यक दिशा-निर्देश
अमेठी-अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) अर्पित गुप्ता ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा जारी भारी वर्षा की चेतावनी एवं वर्तमान मानसून के मौसम में भारी वर्षा/अतिवृष्टि से आम-जनमानस को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, जिससे सामान्य क्रिया-कलाप बाधित होते है।
वर्षाकाल में सर्वाधिक जनहानि का जोखिम आकाशीय बिजली से होता है, यदि आकाशीय बिजली किसी भी मनुष्य/पशु पर गिरे, तो उसकी तत्काल मृत्यु हो सकती है। उन्होंने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अमेठी द्वारा सभी नागरिकों को सलाह दी गयी है कि वह आकाशीय बिजली से बचने के उपायों को अपनाये, जिससे जनधन की क्षति को न्यून किया जा सकें।
इस सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि सभी नागरिक मौसम की पूर्व चेतावनी के लिए रेडियो, टेलीविजन का प्रयोग करें तथा गूगल प्लेस्टोर से विभिन्न मौसम संबंधी जानकारी वाले अपने स्मार्टफोन में दामिनी ऐप/सचेत ऐप गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड कर लें, जिससे चेतावनी अनुमानतः 30 मिनट पूर्व प्राप्त हो सकेगी।
उन्होंने बताया कि आकाशीय बिजली के समय सुरक्षित स्थान-पक्का मकान के नियम का पालन करने के साथ ही आकाशीय बिजली गिरने की सर्वाधिक संभावना ऊँचे भवनों, तालाबों, जलाशयों, मनुष्यों एवं पशुओं पर होने के कारण वर्षा के समय खेतों, तालाबों के समीप न जाएँ तथा रास्ते में वर्षा से बचने के लिए वृक्ष के नीचे न खड़े हो एवं कच्चे शेड में रहने वाले घरेलु पशुओं को पक्के आश्रय स्थलों में ले जाएँ।
उन्होंने बताया कि अपरिहार्य परिस्थितयों में आकाशीय बिजली गिरने की स्थिति में चिकित्सीय इलाज हेतु 112 नंबर सूचित करें, मुख्य मार्गाे एवं सड़कों पर आंधी-तूफान के कारण टूटे हुए विद्युत के तारों के सम्पर्क में आने से जनहानि घटित हो सकती है, ऐसी परिस्थितियों में तत्काल विद्युत विभाग एवं नजदीकी विद्युत उपकेंद्र को सूचित करें तथा मवेशियों को बिजली के खम्भों में न बांधें, वर्षा के समय खम्भों में करंट आ सकता है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान मौसम खेतों में धान की रोपाई का है, जिसमें रोपाई कार्य पानी से भरे हुए खेतों में किया जाता है, पानी से भरे हुए खेतों में आकाशीय बिजली गिरने का जोखिम होता है, अतः वर्षा के समय आसमान में बिजली चमकने पर खेतों में न जाएँ। स्कूल के विद्यार्थियों को अध्यापकों द्वारा विशेष रूप से मौसम की सूचना के बारे में अवगत कराया जाये तथा वर्षा की स्थिति को देखकर स्कूल खुलने एवं बंद होने का समय निर्धारण किया जाये।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सर्पदंश की घटनाओं को जन-जागरूकता एवं व्यापक चिकित्सा प्रबन्धन द्वारा न्यूनीकृत करने के दृष्टिगत शासन द्वारा सर्पदंश से बचाव के उपाय, सर्पदंश की स्थिति में क्या करें, क्या न करें के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी किये गये है।
उन्होंने बताया है कि सर्पदंश होने पर सांप से दूर हो जाये और घबराये नहीं, जिस जगह पर सर्पदंश है वहां से सभी प्रकार के आभूषण जैसे घड़ी, अंगूठी आदि को निकाल दें। सर्पदंश वाले अंग को न मोड़े, पीड़ित व्यक्ति का सर ऊंचा करके लिटायें या बैठायें, घाव को तुरन्त साबुन या गर्म पानी से साफ करें, काटे हुये अंग को पट्टी या सूती कपड़े से बांध दें, दंश को साफ व सूखे कपड़े से ढक दें, पीड़ित व्यक्ति को स्थिर और शांत अवस्था में रखें तथा पीड़ित व्यक्ति को तुरन्त नजदीकी अस्पताल लेकर जायें जहां पर एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन की उपलब्धता है जिसके तहत जान बचाने की सम्भावना रहती है। सर्पदंश के लक्षणों के सम्बन्ध में बताया गया कि सर्पदंश वाले स्थान पर तेज दर्द होना, बेहोशी आना, दंश वाले हिस्से में सूजन, पलकों का भारी होना, पसीना आना, उल्टी महसूस होना, सांस लेने में तकलीक होना, आंखों में धुंधलापन छाने लगता है।
सांप द्वारा कांटे जाने पर यह बिलकुल न करें-
डंक की जगह पर किसी धारदार वस्तु से काटकर या दबाकर जहर को निकालने का प्रयास न करें, डोरी या रस्सी कसकर न बांधे, गर्म पट्टी का उपयोग न करें। सर्पदंश से बचने के लिये किसी भी कूड़ा करकट वाली जगह, खलिहान में, पशु शालाओं में एवं अनाज के ढेर में जाने से पहले सावधानी बरतने की आवश्यकता है, साथ ही रात में निकलते समय टॉर्च एवं लाठी को लेकर निकलना चाहिये जिससे किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके।
सांप को अपने आस-पास देखने पर धीरे-धीरे उससे पीछे हटें, सांप को पकड़ने या मारने की कोशिश न करें, मलबे या अन्य वस्तुओं के नीचे सांप हो सकते है सतर्क रहे। सांप काट ले तो झाड़-फूक के बजाए सरकारी अस्पताल में तुरन्त जाये। सर्पदंश से सतर्क रहे, सुरक्षित रहे।
उन्होंने बताया कि यदि सांप काटने से किसी की मृत्यु हो जाए तो दैवीय आपदा के अंतर्गत सहायता राशि पाने के लिए पोस्टमार्टम एवं पंचनामा अत्यंत आवश्यक है इसलिए पोस्टमार्टम के बारे में आमजन के मध्य जागरूकता अनिवार्य है।