अधिक आय के लिए कालानमक धान की जैविक खेती करे किसान भाई
आज भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के अंतर्गत कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्र देवरिया के तत्वाधान में पर्यावरण के लिए जीवन शैली अभियान के अंतर्गत मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पर जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ रजनीश श्रीवास्तव द्वारा किसानों को मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के बारे में विस्तार से चर्चा की ।
चर्चा के दौरान डा श्रीवास्तव ने फसल अवशेष को मिट्टी में मिलाकर जैव कॉर्बन को बढ़ाने पर बल देते हुए बताया कि सूक्ष्म जीवों की बढ़वार के लिए मिट्टी में जीवांश का पर्याप्त मात्रा में होना आवश्यक है।
प्रशिक्षण के दौरान आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौंद्योगिक विश्वविद्यालय फैजाबाद के वैज्ञानिक डॉ वी पी दुबे के द्वारा धान की विभिन्न प्रजातियो का मिनी किट वितरण किया गया। उन्होंने किसानों को काला नमक की जैविक विधि से खेती के बारे में विस्तार से बताया।
इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ डॉ कमलेश मीणा द्वारा किसानों को धान की नर्सरी डालने से लेकर कटाई तक के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। उन्होंने धान की सीधी बुवाई पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर अनूप प्रताप सिंह, मनजीत कुशवाहा,कैलाश, राजकुमार कौशल किशोर मिश्र, प्रभास्कर नारायण तिवारी, उषा देवी, कंचन लता, प्रह्लाद तिवारी, चंद्रशेखर सिंह आदि सहित विभिन्न विकास खंडों के 50 से अधिक किसानों ने भाग लिया।