पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में सैन्य शासन लागू
फाइल फोटो
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मंगलवार को इस्लामाबाद के हाई कोर्ट परिसर से गिरफ्तारी के बाद कई शहरों में बवाल मचा। इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने गिरफ्तारी के विरोध में देशभर में सेना और सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शनों का ऐलान किया।
गुस्साए समर्थकों ने इस्लामाबाद, लाहौर, कराची, गुजरांवाला, फैसलाबाद, मुल्तान, पेशावर, मरदान और क्वेटा समेत कई जगहों पर आगजनी की और सुरक्षाबलों से भिड़ गए।लाहौर में कॉर्प्स कमांडर का घर जला दिया गया। रावलपिंडी में लोग सेना मुख्यालय का गेट पीट रहे थे। सरगोधा में पाकिस्तानी वायुसेना के पायलटों को समर्पित एक स्मारक पर हमला किया गया।
एक दिन के गुजरने के साथ ही हिंसक विरोध प्रदर्शन बेरोकटोक जारी है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पाकिस्तानी सेना को तैनात कर दिया गया है। हालात बिगड़ने पर पाकिस्तानी हुकूमत ने वहां पंजाब प्रांत में मिलिट्री रूल (आर्टिकल 245) लागू कर दिया है। इसके साथ ही यह पूरा इलाका सेना के हवाले हो गया है।
अब, ऐसी जानकारी सामने आई है जिससे पता चलता है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत भी बिगड़ती कानून और व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए पाकिस्तानी सेना की तैनाती की मांग कर रहा है। गणतंत्र द्वारा प्राप्त एक पत्र नागरिक शक्ति की सहायता में संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत सशस्त्र बलों की आवश्यकता” के बारे में बात करता है।
पाकिस्तान के संविधान का अनुच्छेद 245 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो संघीय सरकार को कानून और व्यवस्था बनाए रखने, नागरिक अधिकारियों की सहायता करने और देश की सुरक्षा की रक्षा करने के लिए देश के भीतर सशस्त्र बलों को तैनात करने के लिए कुछ शक्तियां प्रदान करता है।
अनुच्छेद 245 में कहा जाता है कि “सशस्त्र बल, संघीय सरकार के निर्देशों के तहत, बाहरी आक्रमण या युद्ध के खतरे के खिलाफ पाकिस्तान की रक्षा करेंगे। कानून के अधीन, ऐसा करने के लिए बुलाए जाने पर नागरिक शक्ति की सहायता में कार्य करेंगे।