‘ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का राजनीतिक दर्शन तथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ‘विषय पर संगोष्ठी का आयोजन कल होगा
भारत गणराज्य के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने नव नालंदा महाविहार की आधारशिला रखी थी । उनके जन्मदिन पर नव नालन्दा महाविहार द्वारा कल 03 दिसम्बर से पाँचवाँ दो दिवसीय उत्सवपूर्ण समारोह आयोजित किया जा रहा है।
इस अवसर पर उनके विचारों पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। इस वर्ष संगोष्ठी का विषय है – ‘ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का राजनीतिक दर्शन तथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ‘।
इस विषय पर देश के महत्त्वपूर्ण विद्वानों का व्याख्यान आयोजित किया जा रहा है तथा इसमें इस विषयक विशिष्ट शोधपत्रों की प्रस्तुति भी होगी। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. सुरेश कुमार करेंगे।
नव नालन्दा महाविहार के मीडिया प्रभारी प्रो. रवींद्र नाथ श्रीवास्तव ‘परिचय दास’ से बात करते हुए माननीय कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को बिहार व भारत का महान सपूत बताया। उन्होंने कहा कि नव नालन्दा महाविहार उनके व भिक्षु जगदीश कश्यप की गहरी दृष्टि का सुफल है। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद न केवल संविधान के विशेषज्ञ थे अपितु वे भाषाविद, संस्कृति मर्मज्ञ भी थे। उनमें भारत की धरती की गहरी समझ थी। वे खाँटी व सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले राष्ट्रपति थे। नव नालन्दा महाविहार को गर्व है कि इसकी संस्थापना उनके कर कमलों से हुई।
इस सम विश्वविद्यालय को राजनीतिपूर्ण बना कर इसका भविष्य खराब नहीं होने दिया जा सकता। प्रत्येक नव नालन्दा महाविहारी को इसकी गरिमा का ख्याल रखना चाहिए। किसी भी कार्य को शांतिपूर्ण ढंग से ही किया जाना चाहिए। उग्रता हमारा स्वभाव नहीं हो सकता।
Facebook Comments