संविधान
ऐसा संविधान भारत का
दुनियां करती है गुणगान
मानवता हो पूज्य धरा पर
राष्ट्र धर्म हो ऊपर
जाति- पांति का भेद नहीं
पर सेवा सबसे बढ़कर
समाज का हर प्राणी खुश हो
घूमे सीना तान,
ऐसा संविधान भारत का
दुनियां करती है गुणगान
छूआ-छूत का नाम नहीं अब
शोषण मुक्त समाज
दलित विरोधी आटा चक्की
जेल में पीसें आज
बेगारी बंधुआ मजदूरी का
नहीं है नाम निशान
ऐसा संविधान भारत का
दुनियां करती है गुणगान
नारी शिक्षित होकर जब
नौकरियों में आएंगी
अपनी कौशल क्षमता जग में
सबको दिखलाएंगी
नारी सशक्तिकरण कानून से
मिली नई मुस्कान
ऐसा संविधान भारत का
दुनियां करती है गुणगान
कहीं भी जाकर पढ़ सकता
कोई पुराण और वेद
मंदिर में पूजा करने से
कहीं नहीं है भेद
न्यायाधीश और राष्ट्रपति बनके
बना दिया पहचान
ऐसा संविधान भारत का
दुनियां करती है गुणगान
धन्य हैं जन्म भूमि, धन्य
अपने भारत की माटी
संविधान की रचना करके
बाबा ने तोड़ी परिपाटी
कानून का डंडा नरेश-रंक पर,
चलता एक समान
ऐसा संविधान भारत का
दुनियां करती है गुणगान
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