असम का दधि महन्त अनुसंधान पुरस्कार डॉ. सुरेश को मिला
मोहन चंद्र महन्त अध्ययन गोबेसोना केंद्र, सिनामारा कॉलेज, जोरहाट ( असम ) के दधि महन्त स्मृति अनुसंधान सम्मान से नव नालंदा महाविहार, नालंदा के सहायक प्रोफेसर , राजौरी ( जम्मू- कश्मीर ) के मूलवासी तथा संघर्ष संस्था के महासचिव डॉ. सुरेश कुमार को सम्मानित किया गया है।
डॉ. सुरेश कुमार ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद, में सहायक निदेशक (शोध) के रूप में कार्य किया। उन्हें जम्मू और कश्मीर सरकार (2014-17) द्वारा पहाड़ी भाषी लोगों के विकास के लिए राज्य सलाहकार बोर्ड के सदस्य के रूप में भी नामित किया गया था। अपने अकादमिक प्रयास में, उन्होंने अब तक भारत और विदेशों में 60 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों / सम्मेलनों में भाग लिया और शोध पत्र प्रस्तुत किए।
राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति की शोध पत्रिकाओं में उनके 20 से ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
डॉ. सुरेश कुमार कई शैक्षणिक और सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए हैं। वे समसामयिक मुद्दों पर अपने लेखन और भाषणों के लिए जाने जाते हैं। उन्हें अनुसंधान, प्रशासन, शिक्षण और पत्रकारिता के क्षेत्र में अनुभव है।
यह पुरस्कार उन्हें सूक्ष्म स्तर के ऐतिहासिक शोध, बौद्ध अध्ययनों पर उनके विश्लेषणात्मक लेखन, जो अन्य बातों के साथ-साथ भारतीय इतिहास-लेखन की मजबूत जड़ के प्रसार में योगदान देता है एवं सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका के लिए प्रदान किया गया है।
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