नया वर्ष
नया वर्ष हो मंगलमय आप सबका
मधुमय पवन में चमन झूमता है
यशगान का परचम लहरे हमेशा
आज पाताल धरती गगन झूमता है
खुशियों से पूरा चमन झूमता है
सुरभित कुसुम अपनी पलकें बिछाए
बरसाता मधुकण पवन झूमता है
भ्रमर चांदनी रात में गुनगुनाए
अमन के लिए यह पवन झूमता है
खुशियों से पूरा चमन झूमता है
बहारों की मंजिल कदम चूम लेगा
सितारों का आंचल बदन चूमता है
गंगा जमुनी की संस्कृति की सरिता बहे
गिरजाघर, मंदिर- मस्जिद सभी झूमता है
खुशियों से पूरा चमन झूमता है
बिहंसता रहे चांद अलकों में आकर
घटाओं का काजल नयन चूमता है
वतन में बढ़े आपसी प्यार ममता
जगमगाता हुआ यह वतन झूमता है
खुशियों से पूरा चमन झूमता है
देश में शांति संयम का दीपक जले
गांधी गौतम का संदेश बन गूंजता है
मानवता से बढ़ कर नहीं धर्म दूजा
गीता कूरान कहता हुआ झूमता है
खुशियों से पूरा चमन झूमता है