प्रेस्टिज इन्टर कालेज में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया
देवरिया -प्रेस्टिज इंटरमीडिएट कॉलेज देवरिया के प्रांगण में बच्चों के अंदर वैज्ञानिक अभिरुचि बढ़ाने हेतु आज विजय दिवस पर विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिस के मुख्य अतिथि प्रोफेसर रवि प्रकाश मौर्य रहे।
विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि ने फीता काटकर किया।
इस अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर रवि प्रकाश मौर्य ने कहा कि बच्चों द्वारा प्रस्तुत चल एवं अचल मॉडल काफी प्रशंसनीय है। मॉडलों को देखने से बच्चों के अंदर छिपे वैज्ञानिक अभिरुचि का पता चलता है।
जैसे की हम सभी जानते हैं कि आज का युग वैज्ञानिक युग है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान की उपयोगिता सिद्ध है। जैसे धूम्रपान ,जल संकट ,विद्युत संकट, ओजोन परत, रेन डिटेक्टर, पाइप कैनन इत्यादि जनसमस्याओं के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न कर उन्हें दूर कैसे किया जाए इसका हल बच्चों ने अपने मॉडलों द्वारा प्रस्तुत किया।
मुख्य वक्ता के रूप में बच्चों को संबोधित करते हुए शारदा प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चों द्वारा बनाए गए विज्ञान से संबंधित मॉडल से मैं काफी प्रभावित हूं। और यही बच्चे आगे विश्व फलक पर अपना तथा अपने विद्यालय का नाम रोशन करेंगे। जैसे बच्चों ने अपने द्वारा बनाए गए मॉडलों में जल संरक्षण, वन संरक्षण अर्थ संरक्षण को दर्शाया है जो काफी प्रशंसनीय है। जल एवं वन तो हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कहा भी गया है कि जल ही जीवन है। हमारे शरीर में जीव द्रव्य को जीवन का भौतिक आधार माना गया है जिसमें 90% जल ही है। तथा स्वच्छ जल की उपायदेयता स्वयं सिद्ध है।
विशिष्ट वक्ता के रूप में बच्चों को संबोधित करते हुए डॉ देवदत्त मिश्र ने कहा कि विज्ञान भौगोलिक सीमाओं से परे है। इसकी कोई सीमा नहीं होती। विज्ञान हमारे दैनिक जीवन में रचा बसा है। जैसे आज की ज्वलंत समस्या कोरोना है ,और बच्चों ने अपने मॉडल कोरोना प्रिकॉशन के द्वारा इस समस्या से मुक्ति पाने को दर्शाया है।। एक मॉडल ह्यूमन ब्रेन ऑफ मॉडल को प्रस्तुत कर मस्तिष्क को कैसे सक्रिय बनाया जाए इसके लिए उपाय बताएं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अर्जुन सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान का मतलब विशुद्ध ज्ञान है। जिसे कोई गलत ना कर सके उसे विज्ञान कहते हैं। रीयूज आफ प्लास्टिक मॉडल के द्वारा प्लास्टिक के पुनः प्रयोग करके उससे दूसरी वस्तु बनाए जा सकते हैं। जिसके द्वारा पर्यावरण प्रदूषण से बचा जा सकता है। फ्री इलेक्ट्रिक जनरेटर, सोलर कार मॉडल के द्वारा बच्चों ने पेट्रोलियम के बचत एवं पर्यावरण के प्रदूषण से बचने के विचारों को किया है। विज्ञान केवल तकनीकी में ही नहीं बल्कि चेतना आचरण एवं व्यवहार में होता है।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य एस एन. सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान संकल्पनाओं को और प्रबल बनाने के लिए हम विज्ञान दिवस मनाते है। विज्ञान हमें भौतिक एवं आध्यात्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। विज्ञान के अभाव में हमारा जीवन अधूरा है लेकिन उस पर नैतिकता का अंकुश जरूरी है।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर रवि प्रकाश मौर्य ,मुख्य वक्ता शारदा प्रसाद श्रीवास्तव, विशिष्ट वक्ता डॉ देवदत्त मिश्र, अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया।
आए हुए गणमान्य अतिथियों को विद्यालय के प्रधानाचार्य ने उत्तरी एवं सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया।कार्यक्रम का संचालन शिवेश सिंह ने किया।
इस अवसर विद्यालय की छात्राओं श्रेया ,काजल, निशा अनामिका ,प्रियंका यादव ,सलोनी, प्रियांशी, इत्यादि ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इसके साथ ही साथ विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। जिसमें राजस्थानी नृत्य ,महिषासुर मर्दिनी विशेष रहा।
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