शहीद बन्धु सिंह एवं स्वतंत्रता आंदोलन पर आनलाइन प्रदर्शनी का आयोजन किया गया
गोरखपुर -उ0प्र0 राजकीय अभिलेखागार, लखनऊ एवं राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर (संस्कृति विभाग) द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव एवं चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के अन्तर्गत ‘स्वतंत्रता संग्राम के शहीद’ विषयक अभिलेख प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
प्रदर्शनी का उद्घाटन सुभाष चौधरी (आई आर पी एफ एस) पूर्व उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त, पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर द्वारा किया गया।
आजादी का अमृत महोत्सव एवं चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के अन्तर्गत राजकीय बौद्ध संग्रहालय द्वारा शहीद बन्धु सिंह के बलिदान दिवस के अवसर पर शहीद बन्धु सिंह एवं स्वतंत्रता आंदोलन पर आनलाइन छायाचित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। जिसे सोशल मीडिया पर संग्रहालय के यूट्यूब चैनल, फेसबुक, ट्वीटर इन्स्टाग्राम तथा व्हाट्स एप्प के माध्यम से देखा जा सकता है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार, संस्कृति विभाग, उ0प्र0 द्वारा आयोजित अभिलेख प्रदर्शनी में 1857 की क्रान्ति, चौरी-चौरा घटना, काकोरी ट्रेन एक्शन से संबंधित ऐतिहासिक अभिलेख प्रदर्शित किए गए है।
1857 के स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित अभिलेखों में बैरकपुर में मंगल पाण्डे का विद्रोह, 1857 के संग्राम में भाग लेने वाले नेटिव ट्रूप का विवरण, मेरठ में विद्रोह का छायाचित्र, मेरठ के सैनिकों का दिल्ली कूच, कुंवर सिंह की मृत्यु सम्बन्धी टेलीग्राम व छायाचित्र, रणक्षेत्र में रानी लक्ष्मीबाई का नेतृत्व, रानी लक्ष्मीबाई का वीरगति सम्बन्धी टेलीग्राम आदि प्रमुख रहे।
वहीं चौरी-चौरा घटना (1922) की रिपोर्ट, जिला सत्र न्यायाधीश गोरखपुर द्वारा चौरी-चौरा केस में 225 लोगों को आरोपित व्यक्तियों की सूची, इस केस में आजीवन कारावास की सजा पाए क्रांतिकारियों का विवरण एवं कोर्ट में पेशी के समय का सामूहिक छायाचित्र उल्लेखनीय रहे।
साथ ही काकोरी ट्रेन एक्शन से जुड़े प्रमुख क्रांतिकारियों चन्द्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, रोशन सिंह, राजेन्द्र लाहिड़ी का छायाचित्र एवं विवरण तथा भगत सिंह को लाहौर में फांसी का वारण्ट, चन्द्रशेखर आजाद का हस्तलिखित पत्र एवं उनकी रिवाॅल्वर का छायाचित्र आदि अभिलेखों को प्रदर्शित किया गया।
मुख्य अतिथि सुभाष चौधरी ने कहा कि संग्रहालय में प्रदर्शित ये दुर्लभ अभिलेख राष्ट्र की एक महत्वपूर्ण धरोहर है। इनकी सम्यक सुरक्षा एवं संरक्षण हमारा नैतिक दायित्व है। इसके साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास को हमारी भावी पीढ़ी एवं युवा पीढ़ी विशेष रूप से बताने एवं समझाने की जरूरत है। जिससे राष्ट्र भावना और राष्ट्र शक्ति का संचार हो सके।
संग्रहालय के उप निदेशक, डाॅ0 मनोज कुमार गौतम ने ने कहा कि आजादी बलिदान के बाद मिली है इसलिए राष्ट्र को अक्षुण्ण बनाये रखना हमारा कर्तव्य है। इसी उद्देश्य से इस बलिदान गाथा के इतिहास को यहाॅं प्रदर्शित किया गया है।
कार्यक्रम के अन्त में उप निदेशक संग्रहालय ने उक्त अवसर पर उपस्थित मुख्य अतिथि, समस्त सम्मानित जन एवं पत्रकार बन्धुओं का हार्दिक आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम के अन्त में संग्रहालय के उप निदेशक ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। यह प्रदर्शनी 13 अगस्त को भी जनसामान्य के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।
उक्त अवसर पर प्रदर्शनी के संयोजक संतोष कुमार यादव एवं शिव कुमार यादव व अजय कुमार उ0प्र0 राजकीय अभिलेखागार, लखनऊ सहित सर्व श्री पवन पाण्डेय, अविनाश यादव, ओजस्वी राय, अनुभव विश्वकर्मा, शिवानन्द यादव, रोशन यादव, अर्चना राय, टीना, शिफाली गुप्ता, अविनाश सिंह, अनुराधा, सुमित कुमार, अतुल पाण्डेय एवं ज्वाला कुमार आदि गणमान्य की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।