स्तनपान नहीं कराने से माँ और शिशुओं में होते हैं दुष्परिणाम-डॉ सुमन प्रसाद
अयोध्या / कुमारगंज -आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के मानव विकास एवं परिवार अध्ययन विभाग द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत आज ग्राम सिधौना, विकासखंड मिल्कीपुर मे एक महिला गोष्टी का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम कुलपति महोदय के दिशा- निर्देशन में आयोजित हुआ । कार्यक्रम के प्रारंभ में कार्यक्रम की आयोजक डॉ सुमन प्रसाद मौर्य विभागाध्यक्ष मानव विकास एवं परिवार अध्यन, ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह हर वर्ष 1 अगस्त से 7 अगस्त को मनाया जाता है।
विश्व स्तनपान की सप्ताह को मनाने की परंपरा 1990 से विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ के निर्देशों पर प्रारंभ हुई क्योंकि आधुनिकता और विज्ञापन से प्रभावित महिलाएं स्तनपान नहीं करा रही थी जिससे शिशुओं में गंभीर परिणाम देखे गए जैसे अतिसार, कान का संक्रमण, निमोनिया, अस्थमा, मोटापा, शिशु मृत्यु आदि।
स्तनपान ना कराने वाली महिलाओं पर भी विपरीत प्रभाव जैसे स्तन का कैंसर, टाइप 2 मधुमेह, डिप्रेशन एवं तनाव आदि पड़ रहा था। उन्होंने महिलाओं को स्तनपान कराने के लाभ एवं महत्व बताते हुए नवजात शिशुओं को मां का पहला गाढ़ा दूध अवश्य देने की सलाह दी जिससे शिशु को बीमारियों से सुरक्षा मिले क्योंकि मां का दूध सबसे श्रेष्ठ है। यह साफ सुरक्षित और पोषण के साथ-साथ रोग वर्धक क्षमता से युक्त है । इससे शिशु की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। तदुपरांत विभाग की सहायक अध्यापिका सरिता श्रीवास्तव ने धात्री महिलाओं के लिए संतुलित आहार लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने आहार में उचित मात्रा में हरी सब्जियां, दूध व दूध से बने पदार्थ, दालें व फल प्रतिदिन लेने चाहिए।
हर स्तनपान करने से पूर्व एक बड़ा गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए। 6 माह तक स्तनपान कराने के पश्चात धीरे धीरे बच्चे को ऊपरी आहार देना प्रारंभ कर देना चाहिए।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में डॉ आभा सिंह, सह प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष परिवार संसाधन एवं प्रबंधन विभाग ने महिलाओं को स्वच्छ , शांत और सही आसन में बैठकर स्तनपान कराने का संदेश दिया जिससे शिशु स्वस्थ एवं प्रसन्न रहता है।
कार्यक्रम के अंत में, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय डॉ नमिता जोशी जी ने महिलाओं को प्रारंभ से ही अपने आहार पर विशेष ध्यान देने की बात कही जिससे बच्चों में किसी प्रकार की बीमारियां ना हो। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार धात्री माताएं स्वयं को बीमारियों से दूर रख कर अपने बच्चों का अच्छी तरह ध्यान रख सकती है। इस कार्यक्रम में ग्राम सिधौना की 50 महिलाओं एवं प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक गणों ने भाग लिया तथा विभाग की प्रयोगशाला सहायक कुसुम सिंह ने इस कार्यक्रम में अपना सहयोग दिया।
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