Friday 3rd of May 2024 06:46:47 AM

Breaking News
  • मुलायम के गढ़ में योगी का रोड शो , बुलडोजर पर खड़े होकर लोगो ने किया स्वागत , बोले -निस बार इतिहास रचेगा |
  • ममता बनर्जी को पहले से ही थी शिक्षक भर्ती घोटाले की जानकारी , TMC के पूर्व महासचिव कुणाल घोष ने किया बड़ा दावा |  
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 4 Apr 6:25 PM |   261 views

फसल अवशेषों को उपयोग मे लाये जलाये नही

बलिया – रबी  फसलों की कटाई. प्रारंभ की ओर  है। उनके अवशेषों / पराली को जलाये  नही बल्कि उपयोग मे लाये। यह जानकारी  आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौधोगिक विश्वविधालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र  सोहाँव बलिया के अध्यक्ष प्रो. रविप्रकाश मौर्य ने  दी। उन्होने कहा कि   फसलों के अवशेषों को जलाने से उनके जड़, तना, पत्तियों में संचित लाभदायक पोषक तत्व नष्ट हो जाता है।
 
फसल अवशेषों को जलाने से मृदा ताप में बढ़ोत्तरी होती है, जिसके कारण मृदा के भौतिक, रसायनिक एवं जैविक दशा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।  पादप अवशेषों में लाभदायक मित्र कीट जलकर मर जाते हैं ,जिसके कारण वातावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। पशुओं के चारे की व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। आम का बागीचा यदि पास मे है तो फलों मे कोयलिया रोग लग जाता है ,जिसके कारण फलों मे काला धब्बा बन जाता है। मनुष्यों को साँस लेने मे कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 
 
जहाँ पर कम्बाईन का प्रयोग फसलों के कटाई में करते हैं वहाँ पर फसलों के अवशेष डण्ठल के रूप में खड़े होते हैं एवं उनके जलाने पर नजदीक के किसानों के फसलों में आग लगने की संभावना के साथ ही साथ खड़ी फसल एवं आबादी में अग्निकाण्ड होने की संभावना बनी रहती है, वहीं आस-पास के खेत व खलिहान तथा मकान में भी अग्निकाण्ड के कारण अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ता है।किसी भी फसल के अवशेष को जलायें नहीं बल्कि मृदा में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि हेतु पादप अवशेषों को मृदा में मिलावें/ सड़ावें। फसल अवशेष कम्पोस्ट खाद बनाने में सहायक है जो कि मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक क्रियाओं में लाभदायक है। पादप अवशेष मल्च के रूप में प्रयोग करने में मृदा जल संरक्षण के साथ-साथ फसलों को खरपतवारों से बचाने में सहायक है। मृदा के जीवांश में हो रहे लगातार ह्रास को कम करने में योगदान करता है। मृदा जलधारण क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है। मृदा वायु संचार में बढ़ोत्तरी होती है। सरकार द्वारा पराली जलाने पर दण्ड देने का भी प्रावधान किया गया है।  भूलकर भी पराली न जलाये।उसे उपयोग मे लाये। इस समय कोरोना वायरस के कहर  से अपने आप को बचाये।आवश्यकता हो तभी मास्क लगाकर घर से बाहर निकले। हाथ साबुन से समय- समय पर जरूर धोते रहे। सरकार द्वारा दिये गये निर्देशो का पालन करे।
Facebook Comments