प्रेम सुधारस
मेरे गांव में मोहन आ जाओ होली में
अबीर – गुलाल साथ पिचकारी,
खड़े हैं रंग लिए नर – नारी।
गोपी , ग्वाल- गोपाल सभी आओ होली में,
मेरे गांव में मोहन आ जाओ होली में
गोकुल से लाओ दूध – मलाई,
खायेंगे गुझिया पुड़ी- मिठाई।
दाऊ को साथ में ले आओ होली में,
मेरे गांव में मोहन आ जाओ होली में I
गलियों में बच्चों की टोली,
सजेगी हर घर में रंगोली
ब्रजधाम की माटी ले आओ होली में,
मेरे गांव में मोहन आ जाओ होली में
बरसाने से राधा रानी प्यारी,
पावन जल जमुना बनवारी
लेकर फागुन में आ जाओ होली में,
मेरे गांव में मोहन आ जाओ होली में I
सुनेंगे बंशी की मधुरिम स्वर,
मुस्कान बढ़ेगी हर अधरों पर
परिभाषा कर्म की समझाओ होली में,
मेरे गांव में मोहन आ जाओ होली में
श्याम घटा बिजली घन चमके,
मधुबन की मधु उपवन गमके
अब प्रेम सुधा रस बरसाओ होली में,
मेरे गांव में मोहन आ जाओ होली में