मृदा स्वास्थ्य का किसान रखे ध्यानः प्रो. रवि प्रकाश
बलिया – आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविधालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र सोहाँव बलिया के तत्वावधान मे
विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस का आयोजन ग्राम पिपरा कला ब्लॉक सोहाँव मे आयोजित किया गया।
केन्द्र के अध्यक्ष प्रो. रवि प्रकाश मौर्य ने बताया कि विश्व कृषि एवं खाध् संगठन ने सर्वसम्मति से जून 2013 में विश्व मृदा दिवस का समर्थन किया और 68 वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसको आधिकारिक रूप से मनाए जाने का अनुरोध किया तब से हर साल 5 दिसंबर को दुनियाभर में विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है ।
इस दिवस को मनाने का उदेश्य किसानों के साथ आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है। विश्व मृदा दिवस 2020 की थीम पर्यावरण प्रेमियों से संबंधित है इस वर्ष का अभियान है “मिट्टी को जीवित रखना, मिट्टी की जैव विविधता की रक्षा करना । सबसे पहले यह खास दिन संपूर्ण विश्व में 5 दिसंबर 2014 को मनाया गया था | इस दिवस को खाद्य व कृषि संगठन द्वारा मनाया जाता है|
विश्व के कई हिस्सों में उपजाऊ मिट्टी बंजर हो रही है. जिसके कारण किसानों द्वारा ज्यादा रसायनिक खादों और कीटनाशक दवाईयों का इस्तेमाल करना है. ऐसा करने से मिट्टी के जैविक गुणों में कमी आने की वजह से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता में गिरावट आ रही है और यह प्रदूषण का शिकार हो रही है. किसानो और आम लोगों को मिट्टी की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए यह दिन विशेष तौर पर मनाया जाता है।
डा. एम.पी सिंह सह प्राध्यापक (कृषि अभियंत्रण) ने मृदा परीक्षण हेतु खेत से लिये जाने वाले नमूनों की जानकारी दी।
डा. प्रेम लता श्रीवास्तव सह प्राध्यापक (गृह विज्ञान) ने कहा कि जब मिट्टी स्वास्थ्य रहेगी तो शुध्द अन्न होगा जिसके खाने से मानव भी स्वास्थ्य रहेगे।
राजीव कुमार सिंह ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड से अवगत कराया तथा बताया कि मृदा परीक्षण के आधार पर ही संन्तुलित उर्बरको का प्रयोग करे।
इस कार्यक्रम में प्रगतिशील कृषक श्री कामता सिंह प्रवीन प्रताप सिंह ,लल्लन राजभर एवं श्रीमती मुन्नी देवी सहित 35 ,कृषक ,कृषक महिलाओं ने भाग लिया।
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