धान की रोपाई के समय निम्न बातों का ध्यान रखे किसान भाई
खरीफ फसलों में धान की प्रमुख रूप से खेती की जाती है ।किसान भाइयों को धान की फसल से बहुत उम्मीद रहती है। इस लिए धान की रोपाई करने में
खरीफ फसलों में धान की प्रमुख रूप से खेती की जाती है ।किसान भाइयों को धान की फसल से बहुत उम्मीद रहती है। इस लिए धान की रोपाई करने में
बलिया -आम की खेती का लाभ मुख्य रूप से समय पर बाग में किये जाने वाले विभिन्न कृषि कार्यो पर निर्भर करता है। समय से कृषि कार्य या गतिविधियाँ न
बलिया -पौधे से बाली निकलने के समय धान की फसल पर बालियों में कंडुआ रोग का असर दिखने लगता है। इस रोग के कारण धान के उत्पादन पर असर पड़ने
बलिया -तिल का उपयोग रेवडी , लडड् बनाने के साथ-साथ अन्य विभिन्न रूप मे किया जाता है। इसके तेल का उपयोग पूजा पाठ, शरीर मे लगाने के काम आता है।
अरहर देवरिया जनपद के पहचान हुआ करती थी मगर आज किसानों के अरहर बुवाई में कम रुचि तथा घड़रोज जैसे जानवरो के प्रकोप के कारण जनपद में अरहर का रकबा
बलिया -पूर्वी उत्तर प्रदेशक्षके कुछ जनपदों में संडा विधि से धान की खेती किसानों के बीच प्रचलित हो रही है। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या
दलहनी फसलें खाद्यान्न फसलों की अपेक्षा अधिक सूखारोधी होती है। इसलिये सूखा ग्रस्त क्षेत्रों में भी इससे अधिक उपज मिलती है। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौधोगिक विश्व विधालय
बलिया -खरीफ में धान के बाद मक्का बलिया की मुख्य फसल है । इसकी खेती दाने ,भुट्टे एवं हरे चारे के लिए की जाती है। इसके दाने से लावा, सत्तू,
धान खरीफ की मुख्य फसल है। अगर कुछ बातों का शुरु से ही ध्यान रखा जाए तो धान की फसल ज्यादा मुनाफा देगी। धान की खेती की शुरुआत नर्सरी से
बलिया -यास तूफान मानसून के आगमन को प्रभावित कर रहा है। यह असर कितना होगा? और कब तक होगा? इस पर लगातार निगरानी हो रही है। सीएसए के मौसम
बलिया -यास तूफान मानसून के आगमन को प्रभावित कर रहा है। यह असर कितना होगा? और कब तक होगा? इस पर लगातार निगरानी हो रही है। सीएसए के मौसम