संत रैदास की कविता : प्रेम के उजाले की कविता
संत रैदास जी की कविता का आलोक उनकी ईमानदारी, विनम्रता और सदाशयता में सर्वथा दिखाई देता है । केवल भक्ति या दीनता उनका पक्ष नहीं। वह तो है ही ।
संत रैदास जी की कविता का आलोक उनकी ईमानदारी, विनम्रता और सदाशयता में सर्वथा दिखाई देता है । केवल भक्ति या दीनता उनका पक्ष नहीं। वह तो है ही ।
संत रैदास जी की कविता का आलोक उनकी ईमानदारी, विनम्रता और सदाशयता में सर्वथा दिखाई देता है । केवल भक्ति या दीनता उनका पक्ष नहीं। वह तो है ही ।