विश्व विरासत दिवस के अवसर पर ‘‘हमारी संस्कृति, हमारी विरासत‘‘ विषयक छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया
गोरखपुर -राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा विश्व विरासत दिवस के अवसर पर ‘‘हमारी संस्कृति, हमारी विरासत‘‘ विषयक छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन आज आक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल, गोरखपुर में किया गया।
उक्त प्रदर्शनी का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उक्त विद्यालय के प्रबन्धक एवं निदेशक अनिल कुमार राय ने फीता काटकर किया। उक्त प्रदर्शनी का अवलोकन आक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल के सैकड़ों विद्यार्थियों सहित इन्दिरा गान्धी गल्र्स डिग्री कालेज की बी0एड0 की छात्राओं ने भी किया।
प्रदर्शनी के अवलोकन के मौके पर स्कूल की प्रधानाचार्या एवं विशिष्ट अतिथि निशा मैथ्यू, उप प्रधानाचार्य, एस0 त्रिपाठी तथा अध्यापकगणों मेंश्री डी0पी0 मिश्रा, सीटू शर्मा, पी0वी0 मिश्रा, श्रीमती कृष्णा त्रिपाठी, विमल शुक्ला, मि0 एम0एस0 खान एवं रूमा मिश्रा इत्यादि की उपस्थिति प्रमुख रूप से उल्लेखनीय रही। संग्रहालय की तरफ से मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया गया।
मुख्य अतिथि अनिल कुमार राय ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि प्रदर्शनी में अपने देश अमूल्य प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरों को छायाचित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। जो भावी पीढ़ी के युवाओं को अपनी विरासत से परिचित कराने का बड़ा ही सशक्त माध्यम है। इस प्रदर्शनी से हमें अपने गौरवशाली अतीत झलक मिलती है।
विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती निशा मैथ्यू ने कहा कि विलुप्त हो रही ऐतिहासिक धरोहरों को सुरक्षित एवं संरक्षित करने की दिशा में विश्व धरोहर दिवस पर राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर यह अनूठा प्रयास बड़ा ही सराहनीय है।
पूरे विश्व में 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जा रहा है। दुनिया में कई अद्भुत निर्माण विरासत हैं जो वक्त के साथ जर्जर होती जा रही हैं। इनके स्वर्णिम इतिहास और निर्माण को बचाने के लिए विश्व विरासत दिवस या विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। वैसे तो अनेक वैश्विक स्तर की धरोहरें हैं, जो दुनियाभर में प्रसिद्द हैं लेकिन अगर हम भारतीय विश्व धरोहरों की बात करें तो भारत में वर्तमान में 40 विश्व धरोहरे हैं। यूनेस्को ने भारत में कुल 40 विश्व धरोहरों को घोषित किया है। इनमें सात प्राकृतिक, 32 सांस्कृतिक और एक मिश्रित स्थल हैं।
भारत में सबसे पहली बार एलोरा की गुफाओं (महाराष्ट्र) को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। यूनेस्को द्वारा घोषित सबसे ज्यादा विश्व विरासत महाराष्ट्र में है। विश्व धरोहर दिवस पर भारत की प्रमुख विरासतों में से लाल किला, अजंता व एलोरा की गुफाएं, नालंदा विश्वविद्यालय, महाबोधि मंदिर, बोधगया, साॅंची के बौद्ध मंदिर, खजुराहों, महाबलीपुरम, हुमायूॅं का मकबरा, सुंदरबन, कोणार्क सूर्य मंदिर, कंचनजंघा नेशनल पार्क, ताजमहल आदि विरासत के छायाचित्र उक्त प्रदर्शनी के आकर्षण के केन्द्र हैं।
किसी भी देश की पहचान, वहां की सभ्यता की जानकारी इन धरोहरों से ही पता चलती है। आज देश का गौरव बढ़ाने का काम यह धरोहरें ही कर रही हैं। यूनेस्को द्वारा प्रत्येक वर्ष विश्व धरोहर दिवस पर एक थीम (अवधारणा) दी जाती है और इस वर्ष अर्थात 2022 की थीम है “Heritage and Climate” अर्थात ‘‘धरोहर और जलवायु।