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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 5 Feb 2022 5:46 PM |   880 views

वसंत ऋतु

ऋतुवन के राजा बसंत बाटे आइल 
पीयर पीयर सरसो के फूल बा फुलाइल
 
बड़ बूढ़ लइकन के जोश लागल जागे
पीछे कलियन के भौरा लागल भागे
 
मटर के छेमी जस सभे क मन गदराइल
ऋतुवन के राजा बसंत बाटे आइल
 
हरियाली देखि भइल खेतवो खुशहाल
झूम झूम जउवा चूमे गेहुंवा के गाल
 
बाटे मने मन चनवा खूबे अगराइल
ऋतुवन के राजा बसंत बाटे आइल
 
कतहीं बेहोश केहू कतहीं बेहाल
देखि देखि धनिया के अइठल चाल
 
गंध मादक लिहले अमवा मोजराइल
ऋतुवन के राजा बसंत बाटे आइल
 
लउक रहल बाटे बाग बगइचा बहार 
मउज मस्ती खातिर जइसे भइल सुतार 
 
ठर्रा बनावे बदे महुआ बा कोचाइल
ऋतुवन के राजा बसंत बाटे आइल 
     
      डॉ भोला प्रसाद , आग्नेय 
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