प्राकृतिक खेती को अपना रहे किसान
कुशीनगर -मानव स्वास्थ्य, मृदा स्वास्थ्य एवं जलवायु परिवर्तन को महत्व देते हुए, सरकार द्वारा किसानों को प्राकृतिक खेती में सुदृढ़ बनाने हेतु जिला की 82 कृषि सखियों को रबी सत्र की फसलों की प्राकृतिक खेती का 5- दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आईसीएआर-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के अधीन कार्यारत कृषि विज्ञान केन्द्र, कुशीनगर एवं जिला कृषि विभाग, कुशीनगर के समायोजन द्वारा शुभारम्भ किया गया |कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, के अध्यक्ष डॉ पी० पी० सिंह , डॉ. अरुण प्रताप सिंह, (STO), रहे। प्रशिक्षण से अध्यक्ष, प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. समशेर सिंह, रिद्धि वर्मा एवं श्रुति वी. सिंह रहे।
प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर के रूप में हरिशंकर राय उपाए ने कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती के उर्वरकों को बनाने की विधि विस्तार मे बताई गई।
प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि के रूप में जिला कृषि अधिकारी डॉ. मेनका ने महिला किसानों को अधिक प्रतिभाग करने को कहा।प्रशिक्षण के विशिष्ट अतिथि और नोडल अधिकारी सुदीप वर्मा ‘भूमि संरक्षण अधिकारी ने मृदा स्वास्थ्य को सुधारने एवं जैविक रूप से फसल उत्पादन को प्रोत्साहित किया
कृषि विज्ञान केन्द्र, प्रभारी डॉ. शमशेर सिंह ने प्राकृतिक खेती के महत्व पर प्रभाव प्रकाश डाला,विशेष रूप से सब्जी की खेती पर प्राकृतिक खाद और कीटनाशको का प्रयोग करने को प्रेरित किया गया| जिससे मिट्टी में सूक्ष्मजीव और कार्बनिक कार्बन की मात्रा बढ़ेगी।
केन्द्र के अन्य वैज्ञानिक रिद्धि वर्मा ने रासानिक खादों, कीटनाशकों के अन्धाधुन प्रयोग से हो रहे, मानव स्वास्थ्य के दुष्प्रभाव से कृषि सखियों को अवगत कराया गया।
मौसम वैज्ञानिक श्रुति वी. सिंह ने किसानों को जलवायु परिवर्तने को ध्यान रखते हुए, प्राकृतिक खेती को अपनाने की बात कही प्रशिक्षण में जिले के 14 ब्लाक से आई 82 कृषि सखियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में अन्य अधिकारी प्रशान्त कुमार गुप्ता, विशाल सिंह, कृपा शंकर, आदि उपस्थित रहे।
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